बाराबंकी : स्थानीय जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा रमेश चंद्र की अध्यक्षता में संगोष्ठी को आयोजन कार्यालय सभागार में किया गया। कार्यक्रम में विश्व मलेरिया दिवस की थीम के अन्तर्गत मलेरिया रोग से मृत्यु न्यूनतम या शून्य करने का संकल्प लिया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (वेक्टर बार्न) कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए डा राजाराम ने बताया कि नगर पालिका द्वारा मच्छरों से बचाओ हेतु टीम लगाकर साफ – सफाई की व्यवस्था टीम लगाकर कराया जाता है। रोस्टर बनाकर शहरी क्षेत्र में फॉगिंग करायी जाती है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में लार्वीसाइड का छिड़काव फाइलेरिया नियंत्रण समन्वय से किया जाता है। वहीं 18 सफाई नायकों द्वारा सोर्स रिडेकसन का कार्य व्यापक स्तर पर कराया जाता है। जिससे जन समुदाय को मच्छर के प्रजनन स्थलो तथा जल पात्रों को खाली कराने जैसे कूलर, गमलों, जल टैंक, पशु पक्षियों के पानी पीने के पात्र एवं निष्प्रयोज्य सामाग्री को समाप्त किये जाने के बारे में बताया जाता है।
सीएमओ डा रमेश चंद्र ने बताया कि वेक्टर जनित रोग मच्छर के काटने से होता है। इसको रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत राज अधिकारी, तथा शहरी क्षेत्र नगरपालिका के सहयोग से एंटी लार्वल का छिड़काव एवं फागिंग करवा जाता है। इलाज से बचने के लिए ग्राम स्तर पर मलेरिया रोग से भी बचाव हेतु लोगों को जागरूक किया जाये। विश्व मलेरिया दिवस 2019 को सफल बनाने हेतु एवं मलेरिया अन्नमूलन के लिए सभी जनमानस को आगे आने की अपील किया।
जिला मलेरिया अधिकारी अविनाश कुमार ने विश्व मलेरिया दिवस का संचालन करते हुए बताया कि डब्लूएचओ के सरंक्षण में विश्व स्वास्थ्य असेम्बली के 60वें के अधिवेशन के दौरान मई 2007 में निर्णयों प्रांत 25 अप्रैल को मनाया जाना सुनिश्चित किया गया । उन्होंने आगे बताया कि यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण हेतु किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने मलेरिया के लक्षण और बचाव को लेकर आगे बताया कि मलेरिया के मच्छर के काटने के बाद अचानक तीव्र बुखार के साथ शरीर टूटने लगता है । सिर के अगले भाग में व आंखों के पिछले भाग सहित मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होने लगता है। उन्होंने कहा कि बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं।
उन्होंने बताया कि मलेरिया होने पर नीम-हकीमों के चक्कर में न पड़े। उन्होंने बताया कि सप्ताह में एक बार कूलर आदि को साफ कर, ठहरे पानी में काले तेल व सरसों के बूंद का छिड़काव, पूरे बाजू के कपड़े व खुले में सोने पर क्रीम लगाकर मलेरिया से बचा जा सकता है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि मलेरिया से लड़ाई में सभी विभाग का सहयोग करें। सभी आंगनबाड़ी व आशा वर्कर अपने-अपने सेंटरों से जुड़े लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करें। उन्हें इसके बचाव व लक्षण की जानकारी दें। उन्होंने बताया कि मलेरिया पीड़ित लोगों को सभी सरकारी अस्पतालों से मुफ्त दवाइयां दी जा रही है।