भोपाल लोकसभा सीट से केवल साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ही नहीं, बल्कि इसी नाम की एक और महिला चुनाव लड़ रही थी, वो भी निर्दलीय और उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था। हमनाम उम्मीदवार के चुनावी मैदान में खड़ा होने से केवल साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ही नहीं, बल्कि भाजपा भी परेशान थी। इसका जिक्र खुद साध्वी प्रज्ञा ने गुरुवार को सीहोर की आमसभा में किया था। आज सुबह निर्दलीय उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर साध्वी के घर पहुंचीं और अपना नाम वापस लेने का ऐलान किया। इस मौके पर साध्वी प्रज्ञा ने भगवा कपड़ा ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा के अलावा भाजपा के कई स्थानीय नेता मौजूद थे।
इस प्रोफाइल सीट पर एक और उम्मीदवार ऐसा है, जिसे लेकर चर्चा हो रही है। मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के जूनियर और महाराष्ट्र के रिटायर्ड अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर रियाजुद्दीन गयासुद्दीन देशमुख ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। वो साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के शहीद करकरे पर दिए गए बयान से नाराज हैं और इसी के बाद उन्होंने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया।
नवदुनिया से उन्होंने कहा कि जिस तरह के टार्चर की बात साध्वी कर रही हैं, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कोर्ट में उनके बयान होते हैं, अगर टार्चर किया गया होता तो वे कोर्ट में अपने बयानों में यह बात कहतीं, जो उन्होंने नहीं कही। दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि वे डर्टी पालीटिक्स कर रहे हैं। देशमुख ने बताया कि 1988 में अकोला में वे सब इंस्पेक्टर थे तब हेमंत करकरे उनके बॉस थे। हेमंत करकरे हमेशा मन लगाकर काम करने के लिए कहते थे।