सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को कोल्ड ड्रिंक में बेहोशी की दवा पिलाकर उनका गला रेत दिया

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्नी और तीन मासूम बच्चों की हत्या करने वाले आरोपी सुमित को पुलिस ने कर्नाटक के उडुपी से गिरफ्तार किया है। यूपी पुलिस की टीमें आरोपी की तलाश में छह राज्यों में तलाश कर रही थी।

सोमवार की शाम करीब तीन बजे बिहार के छपरा जिले की रहने वाली अंशुबाला (32), प्रथमेश (7) आकृति (4) और आरव (4) के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। इसमें खुलासा हुआ कि मृतकों को किसी तरह की नशीली दवा पिलाए जाने का पता नहीं चला है। जिस तरह महिला के शरीर पर चाकू के 15 वार मिले हैं और फ्लैट में रसोई के बाहर महिला का शव मिला उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि महिला ने बच्चों को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था।

अंशु के हाथों पर चाकू के सबसे अधिक वार किए गए हैं, क्योंकि महिला ने खुद को बचाने के लिए हाथों से वार रोकने का प्रयास किया होगा। पुलिस अनुमान लगा रही है कि शनिवार देर रात 12 बजे से 2 बजे के बीच यह वारदात हुई होगी।

ऑनलाइन शॉपिंग साइट से मंगवाया हत्या करने के लिए चाकू

पत्नी अंशु बाला और बच्चों की हत्या के लिए आरोपित सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमित ने ऑनलाइन शॉपिंग साइट से 10 अप्रैल को 800 रुपये का चाकू व स्टैंड मंगवाया था। अंशु के भाई पंकज का कहना है कि सुमित ने अपने बेंगलुरु निवासी दोस्त की अमेजन लॉग-इन आईडी से खंजर ऑर्डर किया था।

इसका पता चलने पर दोस्त ने सुमित के पास फोन कर विरोध जताया। दोनों के बीच कहासुनी भी हुई थी। सुमित ने पत्नी अंशु बाला को बताया था कि उसने घर में प्रयोग के लिए चाकू मंगवाया है। उन्हें नहीं पता था कि एक दिन उसी चाकू से उनकी हत्या कर दी जाएगी।

नाइट शिफ्ट में नौकरी से बढ़ी नशे की लत 

अंशु के भाई पंकज का कहना है कि सुमित कॉलेज में पढ़ाई के दौरान से ही नशे का आदी था, लेकिन उस वक्त बहुत कम नशा करता था। नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब लगने के बाद वह नाइट शिफ्ट करता था। ऐसे में उसकी नशे की लत बढ़ गई। वह नशा करने के लिए कुछ दवाएं भी लेता था।

डेढ़ साल पहले घर में अंशु को संदिग्ध दवाइयां मिली थीं। अंशु ने इंटरनेट पर देखा तो उन्हें पता चला कि सुमित नशे के लिए इन दवाओं का प्रयोग करता है। अंशु ने अपनी ननद से इसकी शिकायत की। ननद ने अपने भाई सुमित से पूछा तो उसने नशे के लिए दवाइयां खाने की बात कबूल की थी।

हत्या के बाद फरार था सुमित, बंद कर दिया था मोबाइल

छपरा की रहने वाली मृतका अंशु बाला और उनके तीनों बच्चों का अंतिम संस्कार सोमवार की शाम में गाजियाबाद स्थित हिंडन घाट पर हुआ। अंशु बाला को मुखाग्नि उनके भाई पंकज कुमार सिंह ने दी। इस घटना के बाद से पूरा परिवार शोकाकुल है।

मृतका के माता-पिता,भाई-भाभी तथा परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। फिलहाल सभी गाजियाबाद में ही हैं। पुलिस कातिल सुमित सिंह की तलाश कर रही थी, जो गिरफ्तार कर लिया गया है।

मृतका अंशु बाला के भाई पंकज कुमार सिंह ने बताया कि हृदयविदारक इस घटना ने मेरे पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। उन तीन मासूम बच्चों की क्या गलती थी जिसकी इतनी बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। इन लोगों का श्राद्ध कर्म दिल्ली में ही किया जायेगा।

अंशुबाला के पति के माता-पिता का कुछ साल पहले देहांत हो जाने के कारण दिल्ली में ही वह अपने परिवार के साथ रह रहा था। उधर, सुमित के पैतृक गांव गड़खा थाना क्षेत्र के खदहां गांव में भी लोग एक-दूसरे से इस घटना को लेकर विशेष जानकारी की जिज्ञासा में थे।

बताते चलें कि छपरा जिला के सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमित सिंह गाजियाबाद स्थित फ्लैट में अपने तीन बच्चों व पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद से फरार था। 

यह है पूरा मामला

सुमित (33) अपनी पत्नी अंशु बाला उर्फ पूजा (30), बेटे प्रथमेश (7), आरव (4) और बेटी आकृति (4) के साथ इंदिरापुरम के ज्ञान खंड-चार में रहता था। आरव व आकृति जुड़वां थे। सुमित की शादी 2011 में बिहार के सारण जिला स्थित अंजनी मकेर निवासी अंशु बाला से हुई थी।

20 अप्रैल की रात सुमित ने कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलियां देकर पत्नी व तीनों बच्चों को सुलाया और गला रेतकर हत्या कर दी। 21 अप्रैल की शाम करीब छह बजे सुमित ने परिवार के वॉट्सऐप ग्रुप पर दो मिनट 40 सेकेंड का एक वीडियो डाला, जिसमें उसने कहा कि वह कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलियां खिलाकर पत्नी और बच्चों की हत्या कर चुका है। वह आर्थिक तंगी से परेशान है, परिवार नहीं चला सकता था। यह भी बोला कि मैं पोटैशियम सायनाइड खाकर जान देने जा रहा हूं। 

 

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