एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) एक खास रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। यह एक प्रकार की पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न देती है। एनपीएस सब्सक्राइबर्स जिस फंड में निवेश करते हैं उसे पेंशन फंड मैनेजर के माध्यम से पैसा बनाने वाली अलग-अलग स्कीम्स में निवेश किया जाता है। इसकी देखरेख पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से की जाती है। अब नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से रिटायरमेंट के बाद होने वाली पूरी निकासी को टैक्स फ्री कर दिया गया है।
एनपीएस के टैक्स फायदे: एनपीएस से 18 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक की आयु वाला कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है। इसमें किए गए निवेश पर आयकर की धारा 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का क्लेम किया जा सकता है। इसके साथ ही इस पर 80CCD(1B) के अंतर्गत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट का भी दावा किया जा सकता है। यही छूट हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के लिए भी मान्य होती है। यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि एनपीएस के टियर-1 खाते में टैक्स बेनिफिट्स की सुविधा मिलती है जबकि टियर-2 खाते में ऐसी कोई सुविधा नहीं दी जाती है।
एनपीएस के बारे में जानिए: एनपीएस दो तरह के खातों की पेशकश करता है। टियर-1 और टियर-2। टियर-1 खाते में जमा पैसों को आप तब तक नहीं निकाल सकते हैं जब तक की आपकी उम्र 60 वर्ष की न हो जाए। टियर-2 एनपीएस अकाउंट बचत खाते की तरह काम करता है, जहां सब्सक्राइबर्स को पैसों की निकासी की अनुमति होती है। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में सब्सक्राइबर्स को आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है। इस तरह की विशेष परिस्थितियों में गंभीर बीमारी और बच्चों की शादी शामिल होती है।
गौरतलब है कि सरकार ने एनपीएस में अपने योगदान को 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर काफी सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे दिया है।