बाराबंकी : बदलते मौसम में वायरल बुखार, खाँसी, जुकाम, नाक बहना, आँखों में लालिमा, साँस लेने में तकलीफ, डायरिया इत्यादि रोगों ने पाँव पसारने शुरु कर दिये हैं। प्रभाव पूर्ण चिकनपॉक्स जैसी बीमारी फैलने का भी खतरा बढ़ रहा है, जो बड़ों के साथ -साथ छोटे बच्चों को भी प्रभावित करता है। यदि थोड़ी सावधानी बरती जाए, तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा आरसी वर्मा ने जनपदवासियों से चिकनपॅाक्स समेंत अन्य मौसमी बीमारियों से बचने के लिए अपने आसपास साफ- सफाई रखने की अपील की ।
डॉ. वर्मा ने बताया कि चिकनपॉक्स फैलने वाली बीमारी है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता और खाँसता है, तो इसका वायरस वातावरण में फैल जाता है। यह वायरस श्वास नली के माध्यम से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसको भी संक्रमित कर देता है। इस बीमारी के दौरान व्यक्ति के शरीर में बुखार और दर्द दोनों बने रहते हैं। इसके अलावा इस बीमारी के अन्य लक्षण शरीर में लाल दाने होना, तेज बुखार आना, खुजली, सिरदर्द, कमजोरी आदि प्रमुख हैं।
उन्होंने आगे बताया कि चिकनपॉक्स से व्यक्ति के शरीर में लाल रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं और उसमें द्रव या पानी भरा होता है, जो देखने में छाले जैसा लगता है और इसमें व्यक्ति को खुजली एवं जलन होने लगती है। इस बीमारी से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। जिस व्यक्ति या बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वही इसकी चपेट में आ जाता है। ऐसी स्थिति में लापरवाही करना भारी पड़ सकता है, इसलिए इस तरह के लक्षण पाए जाने पर तत्काल डॉक्टर से इला़ज करायें। डा वर्मा ने बताया कि चिक्नपॉक्स के इला़ज के लिए झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में न पड़ें। साथ ही, बड़ी माता की भ्रान्ति में झाड़- फूँक न कराएं। ग्रसित व्यक्ति धूप में न निकले, ऐसा करने पर शरीर में जलन व खुजली भी होगी। खुजली होने पर खुजलाने से बचना हितकर रहेगा।
अन्य चिकित्सकों ने बताया कि इस बीमारी को ठीक होने पर 1 से 2 सप्ताह का समय लगता है। बच्चों को इस बीमारी से बचाव का टीका लगवाना बहुत जरूरी है। यदि सही समय पर इला़ज नहीं कराया, तो यह दाग धब्बा के साथ निमोनिया और दिमाग पर भी असर करता है, जो एक गम्भीर समस्या है।इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को आराम करने दें। अन्य सदस्यों को दूर रखें, ताकि दूसरे लोग ग्रसित न हो सकें। शरीर पर पड़े दानों को फोड़ें नहीं, उन्हें अपने आप फूटने दें। प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श लें।