लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चुनाव आयोग कोई रोक नहीं लगाएगा. मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाल ने चुनाव आयोग पहुंचे थे. तहसीन ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ गंभीर अपराधों के तहत मामला विचाराधीन है. इसलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए.
कानून के तहत साध्वी प्रज्ञा पर नहीं लग सकता चुनाव लड़ने पर रोक.
ऐसा बताया जा रहा है कि साध्वी प्रज्ञा किसी भी मामले में दोषी नहीं, दोष सिद्ध होने पर चुनाव न लड़ने का प्रावधान है न की आरोपी होने पर. गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को बताया था कि जेल में उन्हें किस तरह से प्रताड़ित किया गया था.
बता दें कि राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने गुरुवार को को चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोका जाए क्योंकि उन पर आतंकवाद संबंधी आरोप हैं. आयोग को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते(एटीएस) ने पाया कि साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके में ठाकुर ‘‘मुख्य षड्यंत्रकर्ता’’ हैं. इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी.
उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह बम धमाके में उनका नाम सामने आया है. उन्होंने इस खत में लिखा, ‘‘मैं भारत के चुनाव आयोग से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करूंगा कि वह आदर्श आचार संहिता 2019 को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाये और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करते हुये उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाये.’’
ज्ञातव्य है कि प्रज्ञा ठाकुर नौ साल जेल में रही हैं और 2017 में उन्हें खराब सेहत के चलते जमानत पर रिहा किया गया. उन पर गैर कानूनी गतिविधिया (निरोधक) कानून के तहत आरोप लगाये गये हैं.
गौरतलब है कि तहसीन पूनावाला को कांग्रेस के नजदीक माना जाता है. हालांकि, कानून के अनुसार, 25 साल की आयु से अधिक का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने का अधिकार रखता है बशर्ते उसे किसी ऐसे अपराध में दोषी न ठहराया गया हो जिसमें सजा की अवधि दो साल से अधिक की हो. बीजेपी ने 17 अप्रैल को भोपाल संसदीय सीट से उन्हें टिकट देने का ऐलान किया था, जहां उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेसी दिग्गज एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा.