लोकसभा चुनाव 2019 में दूसरे चरण का मतदान आज है। पोलिंग पार्टियों के साथ मतदान से जुटे सभी लोग मुस्तैद हैं। आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीट नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा और फतेहपुर सीकरी में सुबह सात बजे से मतदान हो रहा है, जो शाम छह बजे तक चलेगा।
लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में आठ लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह मौसम काफी खुशगवार रहा। लोग घरों से निकलकर मतदान केंद्रों में लंबी लाइन में लगे हैं। पहले दो घंटा यानी सात से नौ बजे तक 10.76 प्रतिशत मतदान हुआ है।
पहले दो घंटा में बिजनौर के नगीना में सर्वाधिक 12.82 प्रतिशत मतदान किया गया है। हाथरस में 12.30, बुलंदशहर में 11.40, आगरा सुरक्षित में 11.36, फतेहपुर सीकरी में 11.05, अमरोहा में 10.72, मथुरा में 8.82 तथा अलीगढ़ में 7.60 प्रतिशत मतदान हुआ है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज आठ लोकसभा क्षेत्र में 88 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगा। इनके भाग्य का फैसला 1.40 करोड़ मतदाता करेंगे। इस चरण में जिन सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं, उनमें हेमामलिनी-मथुरा, राजबब्बर-फतेहपुर सीकरी और सरकार के मंत्री एसपी सिंह बघेल-आगरा प्रमुख हैं। जिन आठ सीटों पर चुनाव होने जा रहा है, उन सभी सीटों पर भाजपा ने 2014 में जीत दर्ज की थी।आगरा तथा मथुरा में कल रात भारी बारिश के कारण आज मतदान पर मौसम का असर पड़ सकता है।
बुलंदशहर में एक युवती ने विदाई से और एक ने विवाह से पहले किया मतदान
बुलंदशहर में आज मतदान को लेकर युवातियों में काफी जागरूकता देखी गई। यहां के छतारी के गांव बैरमनगर में कल रात एक युवती का विवाह हुआ। आज सुबह उसने विदा होने से पहले मतदान किया। इसी तरह से अनूप शहर के गांव रूपबास के बूथ पर शादी से एक दिन पहले तनु पुत्री बृजमोहन शर्मा आज कंगना बांधे मतदान करने गई।
अमरोहा के हसनपुर में सबसे बड़ी कतार
अमरोहा संसदीय क्षेत्र में मतदान के लिए बूथों पर लगी मतदाताओं की कतारें। सुबह तक बारिश की रिमझिम के कारण मौसम में थोड़ा बदलाव आ गया है।
बदली के बीच बड़ी संख्या में मतदाता बूथों पर पहुंचे हैं। हसनपुर में सबसे बड़ी कतार देखी गई। मतदान शांतिपूर्वक चल रहा है।
आगरा में मॉक पोल में 20 ईवीएम खराब
आगरा में सुबह 6 से 7 बजे तक मॉक पोल हुआ। जिसमें 20 ईवीएम खराब हो गए। फिर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ। जिले के 3778 बूथों में से 44 पर दिक्कत आई। जिसके चलते मतदान कुछ देरी से शुरू हुआ। पहले 1 घंटे में जिले में 8 फीसद के करीब मतदान हुआ है। उप्र वस्तु एवं सेवा कर कार्यालय जयपुर हाउस में बने आदर्श मतदान केंद्र पर तैनात सिपाही की आगरा सुरक्षित से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल के लोकसभा संयोजक प्रभात गुप्ता ने शिकायत की । सिपाही पर बसपा मानसिकता का होने और मोबाइल लेकर पहुंचे मतदाताओं को रोकने का आरोप। सीओ लोहामंडी चमन छाबड़ा और एसओ पहुंचे। सिपाही को हटाया गया। यहां बूथ संख्या 146 से 152 बने हैं।
आगरा में बमरौली कटारा बूथ पर 90 वर्षीय हीरालाल ने भी मतदान किया। बेहद उत्साहित हीरालाल ने मतदान के बाद अपनी उंगली पर स्याही का निशान भी लोगों को दिखाया।आगरा के ही छलेसर गांव में किसान भूमि अधिग्रहण के विरोध में लंबे समय से धरना दे रहे थे। आज धरना का स्थान खाली है। यह मतदान के कारण खाली है। किसानों का कहना है पहले वोट की चोट देंगे, फिर धरने पर बैठेंगे।
हाथरस में मतदानकर्मियों को लेकर आई बस के परिचालक की मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ में पोलिंग पार्टी लेकर आए प्राइवेट बस परिचालक की हृदय गति रुकने से मौत उप हो गई। मृतक राघवेंद्र सिंह पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी गांव भूरा शेरपुर जिला फिरोजाबाद है। वह कल बस के साथ आया था। मतदानकर्मियों को बूथों पर उतारने के बाद पुरानी तहसील के पास बस खड़ी कर दी। उसी में सो गया। सुबह उठा। कुछ देर बाद ही मौत हो गई।
आगरा में मौसम अच्छा, मतदाताओं की लंबी लाइन
आगरा तथा पास के क्षेत्रों में कल रात बारिश के बाद मौसम काफी अच्छा हो गया है। आगरा के साथ ही फतेहपुर सीकरी तथा मथुरा में आज मतदान को लेकर लोगों में काफी जोश है। यहां पर सुबह से ही लोग लंबी लाइनों में लगे हैं।
बिजनौर में ट्रायल के दौरान VVPAT मशीन में कुछ खराबी
ट्रायल के दौरान बिजनौर के नगीना स्थित नवीन शिक्षा सदन विश्नोई सराय बूथ नंबर 289 की भी VVPAT मशीन में कुछ खराबी, सेक्टर मजिस्ट्रेट में दूसरी मशीन उपलब्ध कराने के लिए निर्देश। किरतपुर हिन्दू इंटर कालेज बूथ 59 पर VVPAT मशीन में स्लिप नही निकलने पर मशीन बदली गई। बिजनौर के नजीबाबाद में कल रात पोलिंग एजेंटों को अंधेरे में गुजारनी पड़ी। नजीबाबाद में रात आंधी आने के बाद आदर्शनगर बिजलीघर के फीडर से बिजली गुल होने के कारण पूरी रात पोलिंग एजेंटों को अंधेरे में रहना पड़ा।
दूसरे चरण की लोकसभा सीटों में नगीना (सुरक्षित) से सात, अमरोहा से 10, बुलंदशहर (सुरक्षित) से 10, अलीगढ़ से 14, हाथरस (सुरक्षित) से आठ, मथुरा से 13, आगरा (सुरक्षित) से 11 तथा फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यह सभी लोकसभा क्षेत्र बिजनौर, अमरोहा, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा व एटा जिले में आते हैं।
आठ लोकसभा क्षेत्रों में कुल 1.40 करोड़ मतदाता
दूसरे चरण की आठ लोकसभा क्षेत्रों में कुल 1.40 करोड़ मतदाता हैं। इसमें 75.83 लाख पुरुष, 64.92 लाख महिला और 878 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं। कुल मतदाताओं में से 2,61,221 मतदाताओं की उम्र 18 से 19 वर्ष तक है। मतदान के लिए सभी आठ लोकसभा क्षेत्रों में कुल 8751 मतदान केंद्र तथा 16,162 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। इनमें से 3314 मतदेय स्थल क्रिटिकल हैं।इससे पूर्व पहले चरण में भी आठ लोकसभा सीटों के लिए ही 11 अप्रैल को मतदान हुआ था। पहले चरण की दस जिलों आठ सीटों में सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर सीट शामिल थी।
डिजिटल निगरानी पर खास जोर
पारदर्शिता के लिए इस बार डिजिटल निगरानी पर खासा जोर है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने बुधवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि मतदान पूरी तरह स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण होगा। इसके लिए आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतदेय स्थलों पर होने वाले मतदान की निगरानी के लिए 1121 डिजिटल कैमरे, 781 वीडियो कैमरे और 1614 वेब कास्टिंग कैमरे लगाये गए हैं। इस बार सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट का प्रयोग होगा।
कड़ी सुरक्षा और निगरानी
इन संसदीय क्षेत्रों में 1598 माइक्रोश ऑब्जर्वर, 1346 सेक्टर, 187 जोनल और 617 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किये गए हैं। 41 सहायक व्यय प्रेक्षकों समेत आठ सामान्य, चार पुलिस और आठ व्यय प्रेक्षक भी तैनात हैं। निष्पक्ष और सकुशल मतदान संपन्न कराने के लिए 106203 मतदान कर्मियों के अलावा पर्याप्त संख्या में अद्र्धसैनिक बल और पीएसी के जवान भी लगाए गए हैं। लू ने कहा कि पहले चरण से सीख लेते हुए इस चरण में कमियों को दूर किया गया है। पिछली बार इवीएम की हैंडलिंग, उनको लगाने, मतदान के पूर्व जांच के लिए मॉक पोलिस में कुछ कमियां थीं। अधिक से अधिक लोग मतदान करें इसके लिए हर केंद्र पर संभव बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया गया है।
बुलंदशहर (सुरक्षित) सीट पर नौ प्रत्याशी
बुलंदशहर (सुरक्षित) से इन बार नौ प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कुल 17,76,567 मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद करेंगे। यहां कुल मतदाताओं में पुरुष 9,45340 हैं, जबकि महिला 8,31100 हैं। चुनावी समर में मुख्य मुकाबला भाजपा के सांसद भोला सिंह, कांग्रेसके बंशी सिंह और बसपा के योगेश वर्मा के बीच है। बुलंदशहर सदर, स्याना, अनूपशहर, डिबाई, शिकारपुर विधानसभाओं से मिलकर बनी इस से मोदी लहर में पिछले 2014 के चुनाव में भाजपा के भोला सिंह 6,04449 मतों से जीते थे। 1,82,476 मत पाकर दूसरे नंबर पर बसपा प्रदीप जाटव रहे और तीसरे स्थान पर सपा के कमलेश वाल्मीकि को 128737 वोट मिले थे। इस बार बुलंदशहर लोकसभा सीट पर भाजपा के सामने किला बचाने की चुनौती है तो वहीं गठबंधन के समर्थन से चुनाव में उतरे बसपा प्रत्याशी के लिए पार्टी का खाता खोलने की कड़ी परीक्षा है। भाजपा ने फिर सांसद भोला सिंह पर भरोसा करते हुए मैदान में उतारा है, तो वहीं गठबंधन ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को मेरठ से लाकर मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक बंसी पहाडिय़ा पर दांव लगाया है।
वर्ष 1952 से अब तक 16 आम चुनाव और एक उपचुनाव इस सीट पर हुआ है। इसमें छह बार कांग्रेस और इतनी ही बार भाजपा के सांसद जनता ने चुने हैं। 1952 में पहले सांसद कांग्रेस के रघुवर दयाल मिश्र चुने गए। जो लगातार दो बार सांसद रहे और फिर तीन बार लगातार कांग्रेस के सुरेन्द्र पाल सिंह चुने गए। जनता लहर में 1977 में कांग्रेस का विजय रथ रोका और भारतीय लोकदल के टिकट पर महमूद हसन खान निर्वाचित हुए। 1991 में राम लहर में भाजपा का पहली बार खाता खुला और छत्रपाल सिंह जीते। फिर लगातार चार बार 1991, 1996, 1998 और 1999 में छत्रपाल सिंह सांसद बने और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी रहे। भाजपा का गढ़ माने जानी वाली इस सीट 2014 में भाजपा के भोला सिंह चार लाख से ज्यादा मतों चुनाव जीते। भाजपा इस बार फिर से उन्हें प्रत्याशी बनाया है। गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में है। बसपा ने योगेश वर्मा पर दांव लगाया है। कांग्रेस से खुर्जा से विधायक रहे बंसी पहाडिय़ा को मैदान में उतारा है। बुलंदशहर लोकसभा के अंतर्गत कुल पांच विधानसभा अनूपशहर, बुलंदशहर, डिबाई, शिकारपुर व स्याना विधानसभा सीटें आती हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में इन सभी पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है।
मायावती भी लड़ चुकी हैं चुनाव
1991 में बसपा प्रमुख मायावती इस सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। उन्हें चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। चुनाव के दौरान विवाद के कारण उनको जेल भी जाना पड़ा था।
अमरोहा में दस प्रत्याशी
अमरोहा लोकसभा सीट पहले ही आम चुनाव से अस्तित्व में रही। इस बार लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में अमरोहा सीट पर हो रहे मतदान में 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर के साथ-साथ हाल ही में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए दानिश अली, कांग्रेस के सचिन चौधरी व शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अलावा सात निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि चार अन्य प्रत्याशी छोटे-छोटे दलों के हैं। अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में 1633188 वोटर हैं, इनमें से 868915 वोटर पुरुष और 764162 महिला वोटर हैं। 2014 के चुनाव में करीब 71 फीसद मतदान हुआ था। इस सीट पर दलित, सैनी और जाट वोटर अधिक मात्रा में हैं, मुस्लिम वोटरों की संख्या 20 फीसद से ऊपर है। 2014 में अमरोहा लोकसभा सीट पर बीजेपी के कंवर सिंह तंवर जीते थे। उन्होंने सपा के हुमैरा अख्तर को करीब एक लाख मतों के अंतर से हराया था। तीसरे नंबर पर बसपा रही, जिसे पंद्रह फीसद वोट मिले। कंवर सिंह तंवर को 5,28,880, सपा के हुमैरा अख्तर को 3,70,666 और बसपा के फरहत हसन को 1,62,983 वोट मिले।
भाजपा उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर देश के सबसे अमीर सांसदों में गिने जाते हैं। उन्हें महंगी गाडिय़ां रखने का शौक है। 2011 में कंवर सिंह तंवर के बेटे की शादी हुई थी, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। उनके बेटे की शादी में काफी धन खर्च हुआ था। अमरोहा लोकसभा सीट से 1952 से लेकर 1971 तक तीन बार कांग्रेस ने और फिर दो बार सीपीआइ ने जीत दर्ज की थी। 1977 और 1980 में जनता पार्टी, 1984 में कांग्रेस और 1989 में एक बार फिर जनता दल को जीत मिली। 1991 के बाद 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान सांसद चुने गए। चेतन चौहान के कारण भी यह सीट चर्चा में रही थी। अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें (धनौरा, नौगावां सादत, अमरोहा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर) शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ अमरोहा सीट ही सपा के खाते में गई थी, अन्य सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा था।
फतेहपुर सीकरी से 15 प्रत्याशी
फतेहपुर सीकरी सीट से छह निर्दलीय उम्मीदवारों को मिलाकर कुल 15 नेता चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। इन सभी के भाग्य का फैसला 16,92,898 मतदाता करेंगे, जिसमें 768345 महिलाएं और 924553 पुरुष मतदाता हैं। फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद और बाह शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचों सीटों पर भाजपा का कमल खिला था। यह लोकसभा सीट 2009 में हुए आम चुनाव से पहले ही अस्तित्व में आई है। पहली बार यहां जीत का परचम बसपा सरकार में मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने फहराया था। 2014 के चुनाव में मोदी लहर में भाजपा के चौधरी बाबूलाल सांसद बने। इस बार भाजपा ने बाबूलाल के बजाय राजकुमार चाहर को टिकट दिया है। उनके सामने बॉलीवुड अभिनेता व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर हैं। बसपा ने भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को टिकट दिया है। शिवपाल की नवगठित पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने मनीषा सिंह को उम्मीदवार बनाया है। राजबब्बर पहले मुरादाबाद से कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित हुए थे, लेकिन उनके मुरादाबाद से चुनाव लडऩे से इन्कार कर दिया और फतेहपुर सीकरी में दस्तक दी। राजबब्बर एक बार पहले भी इस सीट से चुनावी लड़ चुके हैं, जिसमें वह हार गए थे। इसी तरह भाजपा में सांसद चौधरी बाबूलाल का टिकट पार्टी ने काट दिया। उनकी जगह किसान नेता राजकार चाहर को मैदान में उतार दिया। यहां से चाहर तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन जीते नहीं। बसपा ने पहले गठबंधन से सीमा उपाध्याय की चुनाव लड़ाना तय किया, लेकिन ऐन वक्त पर सीमा ने कदम खींच लिए जिसके चलते सुरक्षित सियासी ठिकाने की तलाश में बुलंदशहर के डिबाई से पूर्व विधायक गुड्डू पंडित को मायावती ने प्रत्याशी बनाया। गुड्डू पंडि़त पहले बसपा में थे। फिर समाजवादी पार्टी में रहे। 2017 में भाजपा में शामिल हो गए। टिकट नहीं मिलने पर आरएलडी में शामिल हो गए। बसपा से अलीगढ़ से टिकट मांग रहे थे। बाद में फतेहपुर सीकरी जा पहुंचे।
2014 में यहां खिला था कमल
फतेहपुर सीकरी सीट 2009 में अस्तित्व में आई। तब कांग्रेस से राजबब्बर उम्मीदवार थे। बसपा से पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने राज बब्बर को हरा दिया था। चौधरी बाबूलाल यहां तीसरे नंबर पर रहे थे। 2014 की मोदी लहर में यहां भाजपा का कमल खिला और चौधरी बाबूलाल जीत गए। 2014 में कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा था। गठबंधन में यह सीट आरएलडी के पास चली गई थी। कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन से ठाकुर अमर सिंह चुनाव मैदान में कूदे थे, लेकिन वह मुख्य मुकाबले से बाहर होकर चौथे स्थान पर पहुंच गए थे। बसपा की सीमा उपाध्याय मुख्य मुकाबले में रही थी।