चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस
लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रचार पर लगाई गई पाबंदी को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आयोग के फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने बिना मेरा पक्ष सुने ही मेरे प्रचार अभियान को प्रतिबंधित कर दिया है। राजधानी लखनऊ में सोमवार शाम को एक पत्रकार वार्ता के दौरान मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने मुझे नोटिस दी थी, जिसमें यह कही नहीं लिखा था कि मैंने कोई भड़काऊ भाषण दिया है। मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग की नोटिस का उन्होंने 24 घंटे के अंदर जवाब भी दे दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने उन्हें उनके भाषण की कोई सीडी भी नहीं दी थी। माया ने दावा किया कि सात अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद की चुनावी सभा में उन्होंने समाज के सभी धर्म और जातियों के लोगों से वोट देने की अपील की थी। कहा कि मुसलमानों से विशेष अपील की थी लेकिन मैंने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया था।
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में किसी के दबाव में मेरे खिलाफ आज कार्रवाई करते हुए ऐन मौके पर मेरी आगरा की जनसभा को प्रतिबंधित किया है, जबकि वहां मंगलवार शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग का यह फैसला काला दिवस के रुप में जाना जाएगा क्योंकि मुझे मेरे अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। गौरतलब है कि नेताओं के आपत्तिजनक एवं भड़काऊ भाषण को लेकर निर्वाचन आयोग ने आज ही उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो व सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने मुख्यमंत्री योगी के 72 घंटे तक और मायावती को 48 घंटे तक प्रचार करने पर प्रतिबंधित कर दिया है। दोनों नेताओं पर यह प्रतिबंध मंगलवार सुबह छह बजे से लागू होगा। मायावती ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगाए गए प्रतिबंध से भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आयोग ने भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करके उन्हें खुली छूट दे रखी है।