रोजाना सुबह 4 बजे उठने वाले अक्षय कुमार की फिटनेस लाजवाब है। सबसे खास बात ये है कि फिटनेस के लिए वह घंटों जिम में बिताने की बजाय प्राकृतिक तरीके से वर्कआउट करते हैं।
आप इंडस्ट्री के सबसे फिट अभिनेताओं में गिने जाते हैं। काम और व्यस्तता के बीच फिटनेस पर कैसे इतना ध्यान दे पाते हैं?
मेरा मानना है कि स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ दिनचर्या बहुत जरूरी है। चाहे कितना भी काम हो, मैं अपनी दिनचर्या से कभी छेड़छाड़ नहीं करता। इस कारण मेरा हर काम समय पर होता है और मुझे हर उस चीज के लिए वक्त मिल जाता है, जो मेरे लिए जरूरी है। बचपन से ही ऐसा कोई दिन नहीं गया, जब सूर्योदय से पहले न जगा हूं। मैं अच्छी सोच रखता हूं, जिसके कारण मेरे शरीर के अंदर के अंग भी खुश रहते हैं और मुझे स्वस्थ रखते हैं।
आप सूरज ढलने के बाद कभी खाना नहीं खाते। रात में भूख लगने पर क्या करते हैं?
मैं 6.30 के बाद कभी कुछ नहीं खाता, क्योंकि भूख लगने से पहले ही 9 बजे मैं सो चुका होता हूं। हां, अगर कभी भूख लग ही जाती है, तो मैं अंडे के सफेद हिस्से का ऑमलेट खा लेता हूं। मैं हर इंसान को यही कहता हूं कि अगर फिट रहना है और स्वस्थ रहना है, तो सूरज ढलने के बाद कभी खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि उसके बाद आपका शरीर और उसके सभी अंग आराम करते हैं। यह हमारे शास्त्रों में भी लिखा हुआ है और इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी हैं। दरअसल हमारे खाने को पचाने के लिए पेट को 3 से 4 घंटे लग जाते हैं और ऐसे में यदि देर से खाना खाएं, जो पेट को छोड़कर सभी अंग सो चुके होते हैं और बेचारा पेट खाना पचाने के लिए मेहनत कर रहा होता है। देर से खाना खाने वालों का पेट कभी साफ नहीं होता, क्योंकि उनका खाना कभी पचता
ही नहीं।
आप सेहत बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोटीन और जिम में मशीनों के वर्कआउट के खिलाफ हैं। इसका क्या कारण है?
आजकल युवाओं ने प्रोटीन खाकर सिक्स पैक्स और 8 पैक्स बनाने का शॉर्टकट निकाल लिया है। इससे वह बाल झड़ने और हार्ट अटैक जैसी परेशानियों के शिकार हो रहे हैं। हमारे युवाओं को लग रहा है कि पैक्स बनाने के लिए टिन के डिब्बे में रखा प्रोटीन मां के खाने से ज्यादा लाभदायक है, लेकिन वे यह नहीं जान रहे कि प्रोटीन खाने से वे सिर्फ अमेरिकी कंपनियों को फायदा पहुंचा रहे हैं। वे यह भी भूल जाते हैं कि इससे वे अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जहां तक जिम में वर्कआउट की बात है, तो मैं हमेशा खुले में की गई कसरत को प्रमुखता देता हूं, बजाय जिम में भारी-भरकम मशीनें उठाने के। मैं मौसम के अनुसार वर्कआउट करता हूं। जैसे गर्मियों में मैं रोज एक घंटा स्विमिंग करके वर्कआउट कर लेता हूं। मैं पानी में ही बॉडी स्ट्रेचिंग आदि कर लेता हूं। बरसात में योग करता हूं, मार्शल आर्ट करता हूं। सामान्य मौसम में रनिंग और वॉकिंग करके वर्कआउट करता हूं। प्राकृतिक तरीके से की गई करसत से ज्यादा लाभ होता है।
शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए क्या करते हैं?
मैं कभी भी डाइट वाला खाना नहीं खाता। मैं ऐसा खाना खाता हूं, जिसका शरीर पर बुरा प्रभाव न पड़े। बचपन से ही हमें अच्छे खाने और शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले खाने के बारे में बताया गया है। बस मैंने वही फॉर्मूला अपनाया हुआ है।