पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कांग्रेस पर भरोसा नहीं है. वह चाहते हैं कि आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी को फिर से जीत मिले. इमरान का बयान ऐसे समय आया है जब भारत में लोकसभा चुनाव के लिए के पहले चरण का मतदान होने में एक दिन का समय बचा है.
यहां यह भी समझना जरूरी है कि इमरान खान का हृदय परिवर्तन नहीं हुआ है. उन्होंने यह बयान कूटनीतिक स्तर पर दिया है.
इमरान का मानना है कि अगर मोदी सरकार सत्ता में फिर से आई तो भारत के साथ शांति वार्ता और कश्मीर मुद्दा हल होने की संभावनाएं अधिक होगी. खान ने विदेशी पत्रकारों को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “अगर बीजेपी जीती…कश्मीर पर किसी तरह के समझौता पर पहुंचा जा सकता है.”
उन्होंने कहा कि अन्य दलों को कश्मीर मुद्दे पर समझौता करने के मामले में दक्षिण-पंथी प्रतिक्रिया का डर होगा। खान ने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर एक मुख्य मुद्दा है. भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण क्षेत्र भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान ने राज्य के एक हिस्से पर अवैध ढंग से कब्जा कर रखा है.
पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव कायम है. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था, जिसके अगले ही दिन पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के साथ भारत में घुसने की कोशिश की थी.
भारत और पकिस्तान वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बीच झड़पों में पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को हिरासत में ले लिया था, जिन्हें एक मार्च को भारत को सौंप दिया गया था. खान ने कहा कि पाकिस्तान जैश सहित सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवादियों को मिटाने के गंभीर अभियान के तहत जैश जैसे संगठनों से हथियार लिए जा रहे है.
खान ने कहा, “हमने इन संगठनों के मदरसों को सरकार के नियंत्रण में ले लिया है. आतंकवादी संगठनों को निशस्त्र करने के लिए उठाया गया यह पहला गंभीर कदम है.” उन्होंने कहा कि ये कदम इसलिए उठाए गए हैं क्योंकि ये पाकिस्तान के भविष्य के लिए जरूरी है.
पाक प्रधानमंत्री ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि विश्व समुदाय ने ऐसी कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को मजबूर किया है.