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सीतारमण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कुछ पंक्तियां पढ़ते हुए कहा कि न्यायालय ने पुनरीक्षण याचिका के साथ दाखिल कुछ गोपनीय दस्तावेजों के संबंध में केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्ति को नकारा है। उल्लेखनीय है कि अटार्नी जनरल ने न्यायालय में दलील दी थी कि गोपनीय दस्तावेज अवैध तरीके से हासिल किए गए हैं। इसलिए न्यायालय को इस पर गौर नहीं करना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि सरकार का अब भी यह मानना है कि गोपनीय दस्तावेज अवैध रूप से बाहर आए थे लेकिन अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में फैसला दिया है तो सरकार इसके अनुरूप काम करेगी। उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण याचिका पर न्यायालय को अभी गौर करना है फिर भी कांग्रेस अध्यक्ष गलतबयानी कर न्यायालय की अनमानना कर रहे है। उन्होंने राफेल सौदे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश और नियंत्रक व महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दोनों ने राफेल सौदे के संबंध में सरकार के पक्ष को सही पाया था। सीतारमण ने कहा कि जिन गोपनीय दस्तावेजों को मीडिया के एक वर्ग में छापा गया था, उसमें कांट-छांट कर अधूरी जानकारी ही उजागर की गई थी।