सरकार ने विभिन्न उपायों के जरिये 2018-19 के राजकोषीय घाटे के 3.4 फीसदी के संशोधित लक्ष्य को हासिल कर लिया है. दरअसल, सरकार ने इस साल फरवरी में पेश अंतरिम बजट में 2018- 19 के राजकोषीय घाटे के बजट अनुमान को पहले के 3.3 फीसदी से बढ़ाकर 3.4 फीसदी कर दिया था. इसके बाद अलग-अलग उपायों से सरकार ने यह लक्ष्य हासिल कर ली है.
वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार 2018- 19 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य 3.4 फीसदी को हासिल करने के करीब है. उन्होंने कहा, ‘‘हम राजकोषीय घाटे को हासिल करने के काफी करीब हैं. ’’ अनुमान है कि सरकार की डायरेक्ट टैक्स प्राप्ति तय लक्ष्य के मुकाबले 50 हजार करोड़ रुपये कम रही है. सरकार को कंपनियों से अधिक टैक्स मिलने की उम्मीद थी. यही वजह है कि सरकार की ओर से 2018-19 के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के बजट लक्ष्य को 11.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर इस साल फरवरी में पेश अंतरिम बजट में 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया.
जहां तक नॉन टैक्स रेवेन्यू की बात करें तो सरकार को विनिवेश लक्ष्य के मुकाबले 5,000 करोड़ रुपये अधिक यानी कुल 85,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुये हैं. इसके अलावा कोल इंडिया, इंडियन आयल और ओएनजीसी जैसी सरकारी कंपनियों से दूसरा अंतरिम लाभांश भी सरकार को प्राप्त हुआ. इससे भी अतिरिक्त राजस्व जुटाया गया.