खराब हुए भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर क्या कहना है इमरान खान का

प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अगर भारत में अगली सरकार कांग्रेस की अगुवाई में बनती है तो पाकिस्तान के साथ कश्मीर मामले पर वह कमजोर साबित हो सकती है और कश्मीर मुद्दे को हल करने से पीछे हट सकती है.

विदेशी पत्रकारों के एक ग्रुप के साथ साक्षात्कार के दौरान इमरान ने कहा कि बीजेपी एक दक्षिणपंथी पार्टी है और उसके सत्ता में लौटने पर कश्मीर मुद्दे पर समाधान निकल सकता है. हालांकि उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी के शासन में कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे भारत में मुसलमान बड़े पैमाने पर अलगाव महसूस कर रहे हैं.

पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए इमरान खान ने कहा, ‘मैं कभी सोच भी नहीं सकता जो भारत में इस वक्त हो रहा है. मुस्लिम सोच पर हमले किए जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह डर और राष्ट्रवाद का माहौल बनाकर चुनाव जीतने की कोशिश में लगे हैं.

क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने कहा कि बीजेपी ने इस हफ्ते जम्मू-कश्मीर में कई दशकों से चले आ रहे उस स्पेशल कानून में बदलाव का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत राज्य में बाहरी लोगों के संपत्ति खरीदने पर पाबंदी है. यह चिंताजनक है. हो सकता है कि यह चुनाव के कारण हो.

इमरान खान ने कहा कि इस्लामाबाद अपने देश में सभी आतंकी संगठनों को खत्म करने की कोशिशों में जुटा है और सरकार को इसके लिए पाकिस्तानी सेना का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है. कश्मीर में भी सक्रिय कुछ आतंकी संगठनों पर भी कार्रवाई की जाएगी.  उन्होंने कहा कि कश्मीर में एक राजनीतिक संघर्ष था और इसका समाधान सैन्य ताकत से नहीं निकाला जा सकता.

भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते तब ज्यादा खराब हो गए थे जब 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. हालांकि पाकिस्तान इस हमले में अपनी भूमिका को नकारता रहा है, जबकि पाक के ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.

बाद में भारत ने आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक करते हुए बालाकोट में आतंकी ठीकाने को नष्ट किया था.

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