घटना की न्यायिक जांच और मृतक परिजनों को मुआवजा देने की मांग
रायपुर/बिलासपुर : मरवाही में भाजपा नेता चंद्रिका तिवारी की मौत के बाद उनके परिजनों ने मंगलवार को बिलासपुर थाने के सामने प्रदर्शन किया, जिसके बाद थाना प्रभारी पर अपराध दर्ज कर लाइन हाजिर कर दिया गया। मामला मरवाही विधानसभा के कुम्हारी गांव का है। यहां पर भाजपा नेता चंद्रिका तिवारी का तुलसी तिवारी के साथ विवाद हुआ था। चंद्रिका ने मरवाही थाना और डाॅयल 112 पर सूचना दी थी, लेकिन थाना प्रभारी ने उनके साथ ही दुर्व्यहार कर पिटाई कर दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। मृतक की पत्नि कलीबाई ने बताया कि थाना प्रभारी ने डाॅयल 112 को सूचना देने पर खूब गाली-गलौज किया। इसके बाद उसके पति चंद्रिका तिवारी व बेटे दिनेश को थाने के लॉेकअप में बंद कर दिया और मारपीट की। मारपीट के बाद आठ अप्रैल को दोनों को तहसीलदार के सामने पेश किया, जहां पर चंद्रिका की तबियत बिगड़ने लगी। उन्हें नजदीक के अस्पताल ले गये, जहां से उन्हें रतनपुर के अस्पताल रेफर कर दिया।वहां पर उनकी मौत हो गई।
मौत के बाद गुस्साये परिजनों ने और ग्रामीणों ने थाना प्रभारी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग करते हुये आज जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद एसपी ने तत्काल थाना प्रभारी इलातालिश एक्का को लाइन हाजिर कर दिया और अज्ञात आरोपी पर धारा 154 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया। लोगों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख न्यायिक जांच कराने और मृतक के परिजनों को 15 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।