उत्तर प्रदेश में रूठों को मनाने और लुभाने के लिए कांग्रेस एक और ‘छोटा’ घोषणापत्र लाएगी। इसमें शिक्षामित्रों समेत यहां के अस्थायी कार्मिकों और किसानों की स्थानीय समस्याओं से संबंधित ठोस आश्वासन होंगे। इस घोषणापत्र को अंतिम रूप दिया जा चुका है। एक-दो दिन में जारी होने की पूरी उम्मीद है।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने शिक्षामित्रों, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवकों, पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती, आशा वर्कर्स, रसोइयों, जनसेवा केंद्र के कर्मियों, आधुनिक मदरसा शिक्षकों और शिक्षा प्रेरकों के संगठनों के लोगों की पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से खास मुलाकात करवाई थी। बाढ़ पीड़ित और बंद चीनी मिलों से प्रभावित लोग भी प्रियंका से मिले थे। इन लोगों को प्रियंका ने ध्यान से सुना और ठोस आश्वासन भी दिया। लल्लू ने इस बारे में मीडिया से कहा था- प्रियंकाजी ने भरोसा दिलाया है कि इन लोगों की आवाज दबने नहीं दी जाएगी। कांग्रेस उनकी मांगों को घोषणापत्र में शामिल करेगी।
लेकिन, जब कांग्रेस का घोषणापत्र आया तो उसमें सिर्फ राज्य सरकार से बात करने और समस्या के निदान के लिए ‘हरसंभव प्रयास’ करने का वादा ही मिला। इससे इन संगठनों से जुड़े लोगों ने दूसरी ओर रुख करना शुरू कर दिया। फर्रुखाबाद में तो शिक्षामित्रों के संगठनों ने कांग्रेस के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से साफ-साफ कह भी दिया। शिक्षामित्र संगठन के नेता अनिल यादव कहते हैं कि सलमान खुर्शीद ने फोन करके उनके संगठन के फर्रुखाबाद के जिलाध्यक्ष मनोज यादव को बुलाकर बात की। कहा कि जल्द ही कांग्रेस एक और प्रदेशस्तरीय घोषणापत्र लाने जा रही है, जिसमें शिक्षामित्र समेत यूपी स्तर के सभी प्रमुख मुद्दे रहेंगे। कांग्रेस ने किसानों को आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भी समुचित कदम उठाने का वादा किया था, लेकिन घोषणापत्र में इस समस्या को भी स्थान नहीं दिया गया।