101 देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्मों का रोमांच चरम पर
लखनऊ । शिक्षा, नैतिकता, चरित्र निर्माण व मनोरंजन की इन्द्रधनुषी छटा से सराबोर सी.एम.एस. कानपुर रोड का नजारा आज देखने लायक था। उल्लास व उमंग से दमकते हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों व युवाओं के चेहरों की रौनक यहाँ चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव की अभूतपूर्व सफलता की कहानी स्वयं बयां कर रही थी। बाल फिल्मोत्सव के पाँचवे दिन आज 26 विद्यालयों के लगभग दस हजार से अधिक छात्रों ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का आनंद उठाया और प्रेरणा ग्रहण की। इस अवसर पर अभिनेता शाहबाज खान, अभिषेक दुहान एवं देव जोशी की उपस्थिति ने समारोह की रौनक में चार-चांद लगा दिये। हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों व युवाओं ने दिल खोलकर इन फिल्म हस्तियों का स्वागत किया। इससे पहले, अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के पाँचवें दिन का उद्घाटन आज मुख्य अतिथि अनिल गर्ग, आई.ए.एस., कमिश्नर, लखनऊ मंडल ने दीप प्रज्वलित कर किया जबकि एस. के. भगत, आई.पी.एस., आई.जी. पुलिस, लखनऊ रेंज, ने विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह की गरिमा को बढ़ाया।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के पाँचवे दिन का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि अनिल गर्ग, आई.ए.एस., कमिश्नर, लखनऊ मंडल ने कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्म महोत्सव बच्चों को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने साथ-साथ शिक्षाप्रद भी है जो बच्चों के चारित्रिक गुणों को बढ़ाने में मददगार है। ऐसे आयोजनों की समाज को बहुत आवश्यकता है क्योंकि इससे समाजिक व्यवस्था के उत्तरोत्तर विकास को गति मिलती है। विशिष्ट अतिथि एस. के. भगत, आई.पी.एस., ने कहा कि नैतिक मूल्यों व चारित्रिक उत्कृष्टता से परिपूर्ण युवा पीढ़ी ही आदर्श सामाजिक व्यवस्था को गढ़ने में सक्षम हो सकती है। अतः नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का भरपूर प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
अभिनेता शाहबाज खान, अभिषेक दुहान एवं देव जोशी ने बढ़ाया उत्साह
बाल फिल्मोत्सव का पाँचवा दिन छात्रों की गहमा-गहमी, चहल-पहल व उल्लास व उमंग से सराबोर रहा। छात्रों के साथ ही बड़ी संख्या में उनके शिक्षकों, माता-पिता व भाई-बहनों का आगमन उनके आनन्द को दोगुना कर रहा था। महोत्सव की खास बात यह रही कि बच्चों के साथ ही उनके अभिभावक और शिक्षक भी इस फिल्म फेस्टिवल से काफी प्रभावित दिखे। अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चे इस फिल्म फेस्टिवल से काफी प्रसन्न हैं और यहाँ काफी कुछ सीख रहे हैं। कुछ अभिभावकों का कहना था कि बच्चों के लिए शिक्षात्मक फिल्मों का आज अभाव है, ऐसे में यह फिल्म फेस्टिवल बहुत लाभदायक प्रयास है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इन बाल फिल्मों को देखने के लिए जो उत्साह व उमंग छात्रों व युवाओं में दिख रही है, उसका निश्चित ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह आयोजन अपने उद्देश्य में सफल होगा। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव में छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों के साथ ही गरीब, अनाथ व पिछड़े तबके के बच्चों की भारी भीड़ उमड़ रही है। बाल फिल्मोत्सव के चौथे दिन आज 26 विद्यालयों के छात्र सी.एम.एस. कानपुर रोड पधारे जिनमें आर्मी पब्लिक स्कूल, महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल, चर्च इंग्लिश स्कूल, सेंट फेडलिस स्कूल, फोस्टर एकेडमी, लखनऊ माडल पब्लिक स्कूल, न्यू मिलेनियम स्कूल, सेंट डोमनिक सेवियो कालेज, सेवन्थ थे एडवेन्टिस्ट स्कूल, एनलहाउस पब्लिक स्कूल, जनता गर्ल्स इण्टर कालेज, एच.ए.एल. स्कूल, न्यू बाल भारती स्कूल आदि शामिल हैं।