बाराबंकी : राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान स्थानीय जनपद में लगातार विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पोषण माह के पांचवें दिन बाल विकास विभाग द्वारा जिले के 3052 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बचपन दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान हर माह की पांच तारीख को होने वाले इस आयोजन में बच्चों का जन्म दिन मनाया गया। साथ ही जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की माताओं को खानपान और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गई। यह जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि बचपन दिवस के तहत जन सहयोग से माह में पड़ने वाले बच्चों का संयुक्त रूप से जन्मदिन मनाया गया। इस मौके पर इसमें छह माह की आयु पूरी करने वाले बच्चों का अन्नप्राशन हुआ और इन बच्चों को ऊपरी आहार देने की शुरुआत की गई। सभी बच्चों के माथे पर तिलक लगाया गया। इस दौरान बच्चों की माताओं को स्वच्छता व पोषाहार के उपयोग के बारे में परामर्श दिया गया।
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर छह माह की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को ऊपरी आहार की शुरुआत कैसे की जाए इसकी जानकारी उनकी माताओं को कटोरी चम्मच के साथ रेसिपी तैयार करके दी गई। उनको बताया गया कि 6 माह के बाद बच्चे के जरूरी विकास के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता इसलिए उन्हें थोड़ा ऊपरी आहार देना शुरू करना चाहिए। 6 माह का बच्चा लगभग सौ ग्राम आहार दिन में तीन बार ले सकता है। शुरुआत में आहार देते समय बच्चे को मीठी चीज से शुरुआत करनी चाहिए और भोजन का गाढ़ापन इतना ही रहे कि वह चम्मच से आसानी से गिर जाए।
प्रारंभ में बच्चा ऊपरी आहार को पसंद नहीं करता किंतु धीरे-धीरे उसे अच्छा लगने लगता है और वह भोजन लेने लगता है माताओं को सलाह दी गई कि बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ भोजन की मात्रा और गरिष्ठता दोनों बढ़ाते जाएं। बच्चे के भोजन में एक चम्मच घी अथवा तेल जरूर मिलाना चाहिए। घी और तेल से ज्यादा ऊर्जा प्राप्त होती है। यदि छठवे माह ऊपरी आहार की शुरुआत नहीं की गई तो बच्चे का वजन नहीं बढ़ता और धीरे-धीरे वह कुपोषित होने लगता है। माताओं को हिदायत दी गई ऊपरी आहार शुरुआत करने पर मां का दूध बिल्कुल न बंद करें बल्कि उसे जब तक बच्चा अपने से ना छोड़े तब तक देते रहें और कम से कम 2 वर्ष तक को अवश्य देें।