सिलेंडर विस्फोट में दो घायल, मीरवाइज उमर फारूक नजरबंद
जम्मू : श्रीनगर केन्द्रीय जेल में गुरुवार देर रात कैदियों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प के बाद कैदियों ने कई बैरकों में आग लगा दी। एक बैरक में रखा रसोई गैस का एक सिलेंडर फट गया। विस्फोट में दो कैदी घायल हो गए, जबकि तीन बैरकों को नुकसान पहुंचा है। इसके बाद पूरे श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में इंटरनेट की गति कम कर दी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। श्रीनगर की केंद्रीय जेल के भीतर विरोध-प्रदर्शनों व आगजनी की घटना के बाद प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शुक्रवार को नौहट्टा सहित श्रीनगर के कई हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिए गए।
यह घटना गुरुवार देर शाम तब हुई जब अधिकारियों ने जेल के कुछ कैदियों को जेल के भीतर ही एक विशेष बैरक से स्थानांतरित करना शुरू किया तो कैदियों को लगा कि उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर स्थानांतरित किया जा रहा है। दरअसल कुछ अन्य बैरकों के साथ विशेष बैरक का नवीनीकरण किया जाना था। इसलिए नवीनीकरण कार्य होने तक जेल के कैदियों को अन्य बैरकों में स्थानांतरित किया जा रहा था। बस इसी वजह से कैदियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। जेल अधिकारियों और पुलिस के समझाने के बावजूद कैदियों ने अन्य साथियों को भी भड़का दिया जिससे देखते ही देखते पुलिस और कैदियों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं। कैदियों ने आगजनी शुरू कर दी जिससे एक बैरक में रखा गैस सिलेंडर फट गया। कैदियों ने एक अस्थाय आश्रय को आग लगा दी और जेल के बाहरी हिस्से में आने की कोशिश की, जो शहर के श्रीनगर शहर में स्थित है।
डीआईजी, एसएसपी श्रीनगर के अलावा उपायुक्त श्रीनगर सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सीआरपीएफ की अतिरिक्त कंपनियों को भी जेल के अन्दर भेजा। हालांकि, गैस सिलेंडर विस्फोट, तीन बैरकों और एक इमारत को नुकसान पहुंचने के बाद भी कैदियों का विरोध-प्रदर्शन रात भर जारी रहा। इस दौरान जेल में लगे सीसीटीवी भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सुरक्षा बलों को स्थिति सामान्य करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने के अलावा हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। इस दौरान दो कैदी घायल हो गए।