आरएसएमटी में रिसेन्ट एडवान्सेस इन मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
वाराणसी : राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरूआत आज हुई। कार्यक्रम की शुरूआत द्वीप प्रज्जवलन एवं कुलगीत से हुई। स्वागत उद्बोधन में निदेशक डॉ. डी.बी. सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रबन्धन एवं तकनीक के सभी पहलुओं पर एक ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत करने में सफल होगी। मुख्य अतिथि प्रो. टी.एन. सिंह, कुलपति, महात्मा गॉधी काशी विद्यापीठ ने कहा कि वर्तमान समय इन्नोवेशन आधारित अर्थव्यवस्था का है। पुरानी तकनीकों को नये परिवेश में ढालकर बेहतर व्यवसाय प्रबन्धन किया जा सकता है। उन्होने कहा कि इन्नोवेशन में रचनात्मकता का समावेश किया जा सकता है।
विशिष्ठ अतिथि कृषि विज्ञान संस्थान बी.एच.यू. के प्रो. राकेश सिंह ने कृषि एवं मानव विकास के क्षेत्र मे बेहतर प्रबन्धन एवं तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। प्रो. राकेश सिंह ने कहा कि प्रबन्धन एवं तकनीक का प्रयोग करके किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि की जा सकती है। आरएसएमटी के चेयरमैन प्रो. एस.के. काक कहा कि तकनीक का विकास पीढीगत कार्य की स्वाभाविक अभिव्यक्ति होती है। तकनीक विकास की सम्भावनाएॅ उस उक्त ज्यादा होती है, जब प्रबन्धन के स्तर से कार्य योजनाओं को लागू किया जाता है। उन्होनें कहा कि वर्तमान परिदृश्य में तकनीक का प्रबन्धन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। तकनीक विकास एक चक्रीय गति की तरह सम्पन्न होती है, जिसके परिणामस्वरूप समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिलता है।
एयरर्पोट अथारिटी ऑफ इण्डिया के पूर्व चेयरमैन प्रो. एन.के. सिंह ने प्रबन्धन के अन्दर योग, सांस्कृतिक गतिविधियों के समन्वय एवं समायोजन पर बल दिया। उन्होने कहा कि एक व्यवसायिक संस्था तब ज्याद से सफलता अर्जित कर सकेगी, जब वह बौद्धिक, प्रबन्धनकीय, तकनीकी, मानवीय,नैतिक मूल्यों का सम्वावेश अपने संस्था के प्रत्येक पहलुओं पर करें। इसके पश्चात तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध-पत्रों पर चर्चा की। इन सत्रों के मुख्य वक्ता प्रो0 आलोक कुमार राय, प्रो0 हिमांशु शेखर, योगेश सिंह, प्रो0 अजीत शुक्ला, प्रो0 राणाजी, शंशाक जैन प्रो आलोक कुमार, डॉ0 सुचित्रा द्विवेदी थे। कार्यक्रम का संचालन गरिमा आनन्द ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रीती सिंह ने किया। संगोष्ठी समन्वयिका डॉ0 विनीता कालरा थी। कार्यक्रम में समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारी उपस्थित थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अर्न्तगत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य कवि के रूप में साड़ बनारसी दिनेश सिंह, गूक्कज, विनय शुक्ला, श्यामल मजूमदार दमदार बनारसी आदि ने अपनी रचनाएॅ प्रस्तुत की और लागों का स्वस्थ मनोरंजन किया।