नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए गिरफ्तारी से राहत मांग रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिमल गुरुंग समेत छह नेताओं को चार दिनों के अंदर कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्ज़ी दायर करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी पर जल्द फैसला लें। हाईकोर्ट में याचिका पर फैसला होने तक इनके खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दो अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान इन नेताओं ने कहा था कि राज्य सरकार इन्हें चुनाव से दूर रखने के लिए फ़र्ज़ी मामले बना रही है जबकि, टीएमसी से जा मिले बिनय तमांग के केस रद्द किए जा रहे हैं। सुनवाई के दौरान गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग की गिरफ्तारी से रोक की मांग वाली याचिक्चिम बंगाल सरकार ने विरोध किया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि गुरुंग और उसके साथियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों मे शामिल होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि इन लोगों के पास से एके 47 रायफल भी मिली है और कई बार इन लोगों की अग्रिम जमानत की मांग खारिज हो चुकी है।