भारत में सालाना होने वाली बारिश में मानसून की हिस्सेदारी 70 फीसद से अधिक होती है

मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने मानसून के सामान्य से नीचे रहने का अनुमान लगाया है। स्काईमेट के मुताबिक जून से सितंबर के बीच मानसून सामान्य से नीचे रह सकता है।

एजेंसी ने आज बताया कि लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के मुकाबले मानसून के 93 फीसद रहने का अनुमान है। स्काईमेट ने कहा है कि अल नीनो की वजह से मानसून सामान्य से नीचे रह सकता है। वहीं, सामान्य से भी कम बारिश की संभावना 55 फीसद है।  

एजेंसी के मुताबिक, ‘2019 में मानसून एलपीए का 93 फीसद (+-5%) रहेगा, जो जून से सितंबर के बीच सामान्य से कम बारिश होगी। हमें लगता है कि सूखा पड़ने की संभावना 15 फीसद है, जबकि अत्यधिक बारिश की कोई संभावना नहीं है।’

करीब दो लाख करोड़ डॉलर से अधिक की भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि केंद्रित है, जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर है। भारत में सालाना होने वाली बारिश में मानसून की हिस्सेदारी 70 फीसद से अधिक होती है।

जून से शुरुआत होने वाले मानसून सीजन के दौरान 50 सालों के औसत 89 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होने को सामान्य कहा जाता है, जो 96 फीसद से 104 फीसद के बीच होता है।

भारत, एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसमें कृषि क्षेत्र की निर्भरता चार महीनों के दौरान होने वाली मानसूनी बारिश पर होती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com