जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले के पट्टन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण में पीएम मोदी को जवाब दिया. उमर ने कहा, ‘मैंने कोई ग़लत बयान नहीं दिया. जो हकीकत है वो बयान की है. ये हकीकत है की विलय के बाद से 1965 तक हमारा अलग सदर-ए-रियासत था. और हमने ये बात पहली बार नहीं की है जब हम एनडीए हकूमत का भी हिस्सा थे तब भी हम प्री-1953 वाली स्थिति की मांग करते आए थे. और आज भी हम वही मांग कर रहे हैं.
उमर ने प्रधानमंत्री पर अपने भाषण में निशाना साधते हुए कहा था कि शायद ही मेरे द्वारा बांदीपोरा में दिए गए भाषण को रियासत से बाहर कोई सुनता, लेकिन प्रधानमंत्री ने उसे देश में क्या पूरे विश्व में दिखा दिया और उसका इस्तिमाल कर बाकी पार्टियों पर निशाना साधा.
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को इतिहास पढ़ने की ज़रूरत है क्योंकि जिन शर्तों पर विलय हुआ था हमने तो उनकी ही बात की है ना कि कोई गलत बात की है. जिस कानून/संविधान की शपथ प्रधानमंत्री लेते है यह बात उसमें दर्ज है. उमर ने फिर दोहराया “ बहुत सी ताकतें है जो जम्मू कश्मीर की स्पेशल पोजिशन को ख़त्म करना चाहती हैं, पहले वित मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा फिर बीजेपी के सदर ने टीवी पर इस बारे में बयान दिया और जो कसर रही थी वो प्रधानमंत्री ने पूरी की”
उमर ने महबूब मुफ़्ती के बयान को लेकर कहा, ‘370 और 35ए को बचाने के लिए हम किसी का भी साथ देने को तैयार है. चंद महीने पहले जब अलताफ़ बुख़ारी को मुख्यमंत्री बनाने की बात हुई थी वो भी 370 को बचाने के लिए ही की गई थी. आगे भी अगर कोई कदम उठाने की जरूरत पड़ी वो भी उठाएंगे. हमें गंठबंधन नहीं चाहिए हम अपनी ताकत पर हकूमत बनाएंगे.’
गौरतलब है कि उमर ने सोमवार (1 अप्रैल) को अपने भाषण में कहा था कि कश्मीर को अपना प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का पद वापिस दिला देंगे.