विश्व प्रसिद्ध ताजमहल में मंगलवार को मुगल बादशाह शाहजहां का 364वां तीन दिवसीय उर्स शुरू हो गया. इस दौरान विश्व की ऐतिहासिक धरोधर के तहखाने में मौजूद मुगलों के पांचवें बादशाह और उनकी पत्नी की कब्रों को स्नान कराया गया. इस दौरान शाहजहां के उर्स में पहुंचे प्रिंस तूसी ने सवाल खड़े किए.
अजान पर उठाए सवाल
प्रिंस तूसी ने उर्स की शुरुआत में हुई अजान पर सवाल उठाए और कहा है कि ताज कोई इबादतगाह नहीं है. इसलिए यहां अजान नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां फातिहा पढ़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में वह सुप्रीम कोर्ट और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की महानिदेशक से शिकायत करेंगे.
ऐसे शुरू हुआ उर्स
उत्तर प्रदेश अमन कमेटी के मुख्य संचालक सैय्यद मुनव्वर अली ने बताया, तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असल कब्रों के पास जाकर, गुलाब जल और केवड़े से कब्रों को गुस्ल (स्नान) कराया गया. दुआ की गई और पंचायत हुई.
तहखाने में हैं असल कब्र
मालूम हो कि शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल की असल कब्रें तहखाने में है, जहां उर्स के दौरान जाया जाता है. सामान्य दिनों में पर्यटक तहखाने के ऊपर बनी सांकेतिक कब्रों को देखते हैं. सफेद संगेमरमर से बने इस मकबरे को 17वीं सदी में मुगलों के पांचवें बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी के इंतकाल के बाद उन्हें दफनाने के लिए बनवाया था.
नि:शुल्क है ताजमहल में प्रवेश
उर्स में पिछले साल तक अजान तहखाने में प्रवेश के बाद होती रही है. इस बार सीढ़ियों पर अजान होने से पर्यटक भी परेशान हुए. आपको बता दें कि उर्स के दौरान ताजमहल में प्रवेश नि:शुल्क है. ताजमहल में शाहजहां का उर्स चार अप्रैल तक चलेगा.