कानपुर : यूपी पुलिस में सुधार के लिए सरकार चाहे जितना प्रयास कर ले, डीजीपी महोदय चाहे लाख कहें कि पुलिस मित्र की तरह व्यवहार करे, लेकिन कुछ दिनों तक इन संदेशों का असर रहता है उसके बाद फिर शुरू होता है पुलिसिया हैवानियन का नंगा नाच। ताजा मामला यूपी के कानपुर जिले का है जहां बिठूर थानाध्यक्ष की प्रताड़ना से एक युवक की जान पर बन आई। थानाध्यक्ष ने हत्या की घटना में पूछताछ के लिए हिरासत में लाये दो युवकों को जमकर मारा पीटा और एक युवक के नाजुक अंग पर पेट्रोल डालकर करंट लगा दिया। जिससे युवक के कपड़ों में आग लग गई और बुरी तरह से झुलस गया। उसे गंभीर हालत में रामा मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
थानाध्यक्ष की हरकत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार देर शाम थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया और सीओ स्वरुप नगर को जांच सौंप दी है। बिठूर क्षेत्र अंतर्गत पांच दिनों पूर्व मंधना चैकी के सामने से गुजरने वाली कानपुर-फर्रुखाबाद रेलवे लाइन के किनारे हत्या कर फेंका युवक का शव मिला था। जांच में बिठूर पुलिस ने आशंका जतायी कि हत्या के बाद शव को पटरी के किनारे हत्यारे फेंक गए। घटना की जांच में बिठूर थानाध्यक्ष सुधीर कुमार पंवार ने सोमवार की रात उन्नाव जनपद के मोनू और सोनू निषाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जुर्म न कुबूल करने पर थानाध्यक्ष ने रात में ही दोनों को जमकर मारा पीटा और एक युवक के नाजुक अंग पर पेट्रोल डाल दिया। यही नहीं पेट्रोल डालने के बाद थानाध्यक्ष ने करंट लगा दिया। करंट लगने से मोनू के कपड़ों में आग लग गई, जिससे मोनू गंभीर रुप से जल गया। आनन-फानन में पुलिस ने मोनू को रामा हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मंगलवार को बिठूर थानाध्यक्ष की अमानवीय करतूत उस वक्त सामने आई जब पीड़ित के परिजनों ने पुलिस उपाधीक्षक कल्याणपुर अजय कुमार से शिकायत की। शिकायत की जानकारी पर सीओ मामले की जांच व पीड़ित का बयान लेने हॉस्पिटल पहुंचे। जहां बयान में पीड़ित मोनू ने थानाध्यक्ष के भय के चलते अपना बयान बदला, लेकिन जैसे ही सोनू से पूछा गया तो उसने सच्चाई बयां कर दी। इसके बाद मोनू ने भी सीओ को थानाध्यक्ष की पूरी करतूत रोते हुए बयां की। मामले में पहुंची मीडिया के सामने भी पीड़ित सोनू व मोनू ने बिठूर थानाध्यक्ष के साथ थाना पुलिस की सच्चाई बताई। पुलिस के अधिकारी पहले तो मामले को डैमेज कंट्रोल करने में जुटे रहे लेकिन जब मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच गया तो सीओ भी कुछ बोलने से मना करने लगे। देर शाम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव ने मामले का संज्ञान लेते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही सीओ कल्याणपुर की भूमिका संदिग्ध होने के चलते एसएसपी ने पूरे मामले की जांच सीओ स्वरुप नगर अजीत सिंह चैहान को सौंप दी। एसएसपी ने कहा कि इस तरह का बर्ताव बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जांच रिपोर्ट आने के बाद थानाध्यक्ष के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।