देवरिया : पट्टीदार की भूमि को महाविद्यालय के नाम करने के मामले में पूर्व मंत्री एमए लारी समेत तीन आरोपितों की जमानत याचिका को अपर जिला जज महेश नौटियाल ने मंगलवार को खरिज कर दिया। तीनों अभियुक्तों को अभी कुछ दिनों तक जेल में रहना पड़ेगा। फौजदारी के सहायक शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि लार के रहने वाले पूर्व मंत्री एमए लारी खुदैजा बीबी मख्दूम बख्श गर्ल्स डिग्री कालेज के प्रबंधक भी हैं। उनके पट्टीदार मुजफ्फर अहमद लारी का आरोप है कि पूर्व मंत्री ने कुछ लोगों के साथ मिलकर कूटरचित तरीके से उनकी भूमि को महाविद्यालय के नाम चढ़वा लिया। मुजफ्फर अहमद लारी ने लार थाने में वर्ष 2007 में पूर्व मंत्री और विद्यालय के प्रबंधक एमए लारी उर्फ मरगूब अंसारी लारी, शमशाद और फुरकान के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया।
इस पर तीनों ने हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी। इस बीच हाईकोर्ट ने इन तीनों को नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने को कहा था। इस पर 30 मार्च को नियमित जमानत के लिए जिला जज अरुण कुमार मिश्र के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। जिला जज ने सुनवाई के बाद पूर्व मंत्री एमए लारी, शमशाद और फुरकान को जेल भेज दिया। साथ ही नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए मामले को अपर जिला जज महेश नौटियाल की अदालत में भेज दिया। मंगलवार को नियमित जमानत पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने बहस किया। लेकिन न्यायालय ने इसे गंभीर मामला मानते हुए आरोपितों से जांच प्रभावित होने का शंका व्यक्त करते हुए उनकी जमानत नामंजूर कर दिया। अब आरोपितों को इलहाबाद हाईकोर्ट जाना पड़ेगा।