गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. हार्दिक की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया. अब इस मामले में 4 अप्रैल को सुनवाई होगी. हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई की कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई करे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने कहा जब हार्दिक की सजा अगस्त 2018 में हुई थी और आज क्या आफत आ रही है. बता दें कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दंगा भड़काने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया है.
दरअसल, हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. मेहसाणा में 2015 के एक दंगा मामले में दोषी होने पर रोक लगाने से गुजरात हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया था. 2 साल से ज़्यादा सज़ा के मामले में दोषी हार्दिक चुनाव लड़ने के अयोग्य है. गुजरात में नामांकन की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है, हार्दिक के वकील मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं.
गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मेहसाणा में 2015 के एक दंगा मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी. जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 के अनुसार, हार्दिक पटेल अपनी सजा के कारण आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों को हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है.बार-बार कानून को धता बताने वाले हार्दिक लॉ मेकर कैसे बन सकते हैं.हार्दिक महिलाओं का सम्मान नहीं करते और उनकी आपराधिक छवि को देखते हुए चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देना चाहिए.गुजरात सरकार के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी की इन्हीं दलीलों को रखते हुए न्यायाधीश एजी उरेजी ने हार्दिक की याचिका को खारिज कर दिया था.
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर विसनगर सेशन कोर्ट की ओर से उन्हें सुनाई गई सजा को स्थगित करने की मांग की थी.भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में हार्दिक व उनके साथियों को दो साल से अधिक की सजा सुनाई गई थी.हार्दिक के वकील आईएच सैयद व रफीक लोखंडवाला ने न्यायाधीश उरेजी की अदालत में कहा था कि हार्दिक लोकसभा चुनाव लड़कर समाज का काम करना चाहते हैं, लेकिन अदालत की सजा के चलते कानूनन इसके लिए अयोग्य हैं, इसलिए निचली अदालत की सजा को स्थगित किया जाए.गौरतलब है कि गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि चार अप्रैल है, इससे पहले फैसला नहीं हुआ तो हार्दिक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.