विधानसभा अध्यक्ष के बहुआयामी व्यक्तित्व की सबने की सराहना

विधानसभा के 2 वर्ष पूर्ण होने पर पुस्तिका का विमोचन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल के 2 वर्ष पूर्ण होने पर विधान भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधान सभा की तरफ से प्रकाशित पुस्तक ‘उत्तर प्रदेश विधान अध्यक्ष के 2 वर्ष‘ का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना तथा न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने किया। विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दूबे ने पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के संसदीय इतिहास में पहली बार अध्यक्ष के निर्वाचन के अवसर पर हाउस आफ कामन्स में अध्यक्ष द्वारा छिपाने की पुरानी प्रथा का अनुसरण नहीं किया गया है। अध्यक्ष द्वारा यूरोपीय परिपाटी से परे भारतीय संस्कृति के आयाम में नई परंपरा का सूत्रपात किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वे संसदीय साहित्यिक सांवैधानिक सभी विषयों के मर्मज्ञ है। तमाम परंपराएं इनके कार्यकाल में प्रारम्भ की गयी। ‘संसदीय अनुश्रवण समिति’ का गठन किया जाना इन्हीं के मार्गदर्शन में संभव हो पाया है।
न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष के इस पद पर आसीन होने से अध्यक्ष पद की गरिमा बढ़ी है। पक्ष और विपक्ष के बीच सुन्दर, सौमनस्यपूर्ण वातावरण स्थापित कर सदन में जिस प्रकार की स्वस्थ बहस का वातावरण प्रदान किया, वह हमें लोक सभा सहित अन्य सदनों का सदस्य रहने के बीच देखने को नहीं मिला। वरिष्ठ विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि बहुत अरसे बाद हमें ऐसे विधान सभा अध्यक्ष प्राप्त हुए है जिनकी अध्यक्षता में विधान सभा की गरिमा बढ़ी है। सर्वगुण संपन्न अध्यक्ष हमें मिले हैं। लेखनी के माध्यम से देश और समाज को नई दिशा देने का काम किया है।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ के अध्यक्ष हेमन्त तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रथम बार विधान सभा में पहली बार पत्रकारों के लिए पत्रकार गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें नए पत्रकारों को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। जो सामांजस्य पक्ष विपक्ष के बीच वर्तमान अध्यक्ष ने स्थापित किया है ऐसा विधान सभा की दीर्घकालिक रिपोर्टिंग के बीच कभी नहीं देखा।
इस अवसर पर हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि 2 वर्ष के कार्यकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि है आशावाद का बढ़ना। विधायी सदनों के कम कामकाज पर आमजन में निराशा बढ़ रही है। 2 वर्षों की इस अवधि में निराशा घटी और आशा बढ़ी। प्रदेश की 22 करोड़ जनता को यह संदेश देने में विधान सभा सफल रही है कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इनके द्वारा चुने गए सदस्य तत्परशील है।

श्री दीक्षित ने कहा कि किसी भी संस्था या व्यक्ति के जीवन में वर्ष या 2 वर्ष का कार्यकाल व्यतीत हो जाने पर आत्मविश्लेषण एवं विश्लेषण का अवसर आता है। 2 वर्षों में विधान सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी, नेता बसपा लालजी वर्मा, नेता कांग्रेस अजय कुमार लल्लू, नेता सोहेल देव पार्टी ओम प्रकाश राजभर एवं नेता अपना दल नील रतन सिंह पटेल (नीलू) के सहयोग से विधान सभा के संचालन को नई गति मिली। विधान सभा में पक्ष-प्रतिपक्ष के संवाद का सुंदर वातावरण बना। श्री दीक्षित ने कहा कि इस सदन में 235 नये सदस्य चुनकर आए है। पक्ष-विपक्ष के नए सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण, सामान्य बजट की चर्चाओं में बोलने के लिए होड़ लगी। 100 से अधिक विधायकों ने विभिन्न चर्चाओं में भाग लिया। बोलने के लिए विधायको के लिए इस प्रकार की उत्सुकता लोकतंत्र में आशावाद की वृद्वि कही जा सकती है।

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