नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि वर्ष 2019 में जनादेश हासिल करने के बाद उनकी प्राथमकिता भ्रष्ट राजनीतिक नेताओं और आर्थिक अपराधियों को जेल के अंदर पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक वह इन भ्रष्ट लोगों को जेल की चौखट तक लाने में सफल हुए हैं और आने वाले दिनों में इन्हें जेल में पहुंचाने का काम करेंगे। कांग्रेस नेताओं का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि भ्रष्ट लोगों को जेल में पहुंचाने के रास्ते में नौकरशाही के कारण व्यवधान आया और देरी हुई। बहुत से अधिकारी इन्हीं नेताओं के कार्यकाल के थे और फाइलें दबी रहीं। अब बहुत से अधिकारी रिटायर हुए हैं। नए अधिकारी काम संभाल रहे हैं और सूचनाएं बाहर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ भ्रष्टाचारी जमानत पर हैं और कुछ डेट मांग रहे हैं, जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें पाई-पाई लौटानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि देश से भागने वाले आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है और देश विदेश में उनकी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को यहां ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम को संबोधित करने के साथ ही देश के अलग-अलग 500 स्थानों पर बैठे कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं के सवालों के जवाब भी दिए। सीमापार आतंकवाद को खत्म करने के अपने दृढ़ निश्चय को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है तथा उसका पाकिस्तान से कोई मुकाबला नहीं है। पाकिस्तान अपनी मौत खुद ही मरेगा और उस देश की परवाह किए बिना भारत को अपनी विकास यात्रा जारी रखनी है। बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब पाकिस्तान के मैदान पर होगी। आतंकवाद विरोधी खेल अब पाकिस्तान की सरजमीं पर खेला जाएगा।
मुंबई के एक युवा अजय दवे की ओर से बालाकोट स्ट्राइक को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि वह अपने राजनीतिक भविष्य की सोचते तो फिर वह नरेन्द्र मोदी नहीं बन पाते। अगर यही राजनीतिक पैंतरेबाजी से देश चलाना होता और नफा-नुकसान जोड़कर देश चलाना होता तो मोदी को पीएम बनने की कोई जरूरत नहीं थी। मोदी ने कहा कि उनके लिए देश सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि बालाकोट उन्होंने नहीं बल्कि देश के जवानों ने किया है और उन्हें अपने देश की सेना पर गर्व है। इसलिए उन्होंने अपनी सेना को छूट दी कि वह अपना पराक्रम दिखाएं। मोदी ने कहा कि उन्होंने आतंकी घटनाओं को गंभीरता से लिया और तय किया कि आतंक की जड़ पर प्रहार किया जाए। इसलिए सेना को उस स्थान पर कार्रवाई करने की छूट दी जहां से आतंकियों को कंट्रोल किया जाता था। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में मोदी को गाली देने में उत्साही लोग अपने बयानों से पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं।