कहा, सुलतानपुर में मां और एक बंदूकधारी इंसान के बीच संघर्ष
सुलतानपुर : केन्द्रीय मंत्री व सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी ने कहा कि इस बार लड़ाई एक मां और एक बंदूकधारी इंसान के बीच है। अपील करते हुए कहा कि बंदूक की नोक पर वोट लेने वालों से दूरी बनाए रखें। रविवार को मेनका गाँधी की जनसभाओं में उमड़ी भीड़ से विपक्षी खेमे में हलचल मच गई है। केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार पर हमला बोलते हुए कहा कि बंदूक की नोक पर वोट लेने वालों से दूरी बनाए रखें,वे लोग आपके बच्चों को भी बंदूक चलाना सिखाएंगे,उनका भविष्य अंधकारमय होने से आपको उन्हें बचाने की जरूरत है। कहा कि सुलतानपुर में पहली बार 19 साल की उम्र में नई नवेली दुल्हन बनकर आई थी। तभी से एक अटूट रिश्ता है। सुल्तानपुर को अपना बताकर मेनका गांधी ने लोगों का दिल जीत लिया।
केन्द्रीय मंत्री व सुल्तानपुर की भाजपा उम्मीदवार ने रविवार को अपने दौरे के दूसरे दिन कादीपुर व जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में सुबह बिजेथुआ महावीरन धाम पर दर्शन उसके बाद करनवल, करौंदीकला, परशुराम, बांगरकला, दशगरपारा मे सभा के बाद, दोपहर में पटेल चौक कादीपुर मे माल्यार्पण किया। वहां से चलकर बगिया गाँव में युवा सम्मेलन में युवाओं को संम्बोधित किया।
श्रीमती गांधी ने कहा कि मैं पहली बार जब 19 साल की थी तो नई नवेली दुल्हन बनकर सुल्तानपुर आई थी। मेरे पति इंदिरा गांधी जी के बेटे थे। उनको सुल्तानपुर चाहिए था। वह चाहते तो और कहीं से भी चुनाव लड़ सकते थे परंतु नहीं,उन्हें तो सुल्तानपुर से ही लगाव था। अपनी जिंदगी में सुल्तानपुर आकर बहुत खुश थे। मैं 23 साल की उम्र में ही विधवा हो गई थी। उस समय वरुण मात्र 3 महीने का था। मैं एक मां की ताकत की जानती हूं। जब बेटे ने जिंदगी शुरू की तो उसे सुल्तानपुर से ही एक अलग लगाव ही था। बाप बेटे का यहां से एक अजीब सा लगाव है।
कादीपुर के भाजपा विधायक राजेश गौतम की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि राजेश मेरा बेटा है, वरुण मेरा बेटा है, और आप सब भी मेरे बेटे हैं। मैं एक मां की ममता को अच्छी तरह से जानती हूं। मेरे पास बहुत ताकत है। मां की ममता से लेकर सरकार तक की जिम्मेदारी संभालने का अवसर मिला है।
श्रीमती ने गांधी ने कहा कि सरकार के ताकत का उपयोग मैंने कभी अपने लिए नहीं किया। किसी की जमीन नहीं हड़पी, किसी से न जाति पूछा और ना धर्म। मैंने कभी यह भी नहीं पूछा कि आपने मुझे वोट दिया कि नहीं दिया। लोगों की हर परेशानी के लिए हमेशा खड़े होने का मैंने प्रयास पूरा किया है। मैं जब भी किसी से कुछ पूछती हूं सिर्फ उसकी परेशानी और उसके दुख दर्द को पूछती हूं। मेनका गांधी ने सपा बसपा उम्मीदवार पर प्रहार करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई कौरव और पांडव की तरह है। यह लड़ाई एक मां की और एक बंदूकधारी निशान की है। जो इंसान अपने स्वार्थ के लिए आदमी के ऊपर बंदूक उठाता है। धन उगाही उनके संस्कार है। वे कोटेदारों व ठेकेदारों से बंदूक की नोक पर पैसा वसूलते हैं।