सीएम योगी से मिले डॉ संजय निषाद, बढ़ी सियासी हलचल
लखनऊ : यूपी में सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन से नाता तोड़ने के बाद निषाद पार्टी का सूबे की सत्तारुढ़ भाजपा में जाने के आसार बढ़ गये हैं। पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई भाजपा नेताओं से मुलाकात भी की। सूत्रों की माने तो भाजपा निषाद पार्टी के साथ तालमेल कर गोरखपुर समेत तीन सीटों पर उसके उम्मीदवार उतार सकती है। दरअसल निषाद पार्टी गोरखपुर और महाराजगंज समेत तीन सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी। इसके लिए डॉ संजय निषाद और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच कई चक्रों में वार्ता भी हुई, लेकिन कोई हल न निकलने के बाद निषाद पार्टी ने आज अपने को गठबंधन से अलग करने की घोषणा कर दी।
सपा ने संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को ही उप चुनाव में गोरखपुर से उम्मीदवार बनाया था और प्रवीण ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ल को चुनाव हरा दिया था। खबर है कि यदि भाजपा और निषाद पार्टी के बीच समझौता हुआ तो प्रवीण निषाद अब गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी हो सकते हैं। निषाद पार्टी का पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छा प्रभाव बताया जाता है। सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन से इसके अलग होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनावी समीकरण अब काफी प्रभावित हो सकता है। चुनावी समीक्षक इस घटनाचक्र को भाजपा के लिए फायदेमंद मान रहे हैं।
गठबंधन से अलग होने की घोषणा के बाद डॉ संजय निषाद ने अखिलेश यादव और मायावती पर उपेक्षा का आरोप भी लगाया। कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन की मर्यादा का पालन नहीं किया। इसलिए उन्होंने अपने दल को गठबंधन से अलग करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने कहा था कि वह निषाद पार्टी के लिए सीटों की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने पोस्टर या किसी पत्र पर निषाद पार्टी का नाम तक नहीं रखा। डॉ संजय निषाद ने यह भी कहा कि अब वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकते हैं और अन्य विकल्प की तलाश भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही सपा ने निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) को अपने गठबंधन में शामिल करने की घोषणा की थी। पूर्व में लोकसभा के उपचुनाव में निषाद पार्टी के चलते ही सपा ने गोरखपुर की प्रतिष्ठापरक सीट भाजपा के हाथ से छीन ली थी।