काउंटर इंटेलिजेंस और जालंधर पुलिस ने जालंधर बस स्टैंड में हुए दो बम धमाकों के मामले में वांछित खालिस्तान कमांडो फोर्स व खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े एक आतंकी को गिरफ्तार किया। आतंकी अमरीक सिंह उर्फ मंगा पुत्र अछर सिंह मूलरूप से गांव सरीह, जालंधर का रहने वाला है लेकिन पिछले कई साल से युगांडा में रह रहा था। वह दो साल पहले चुपके से भारत में आकर अपने गांव में रह रहा था। उसे वहीं से गिरफ्तार किया गया।
काउंटर इंटेलिजेंस के दोआबा के चीफ हरकमल प्रीत खख ने बताया कि अमरीक सिंह 2006 में बस स्टैंड पर बसों में केमिकल विस्फोट के दो मामलों में भगोड़ा था। धमाके पाकिस्तान में बैठे केजेएफ प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और अमेरिका के बलविंदर सिंह पोसी ने करवाए थे। एआईजी ने बताया कि आरोपी 1992 से 1995 तक कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था।
वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख आतंकी गुरदीप सिंह, दीपा हेरा वाला का साथी रहा है। इन आतंकियों ने उसे एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल मुहैया करवाया था। इसका इस्तेमाल उसने 1995 में की गई एक डकैती में किया था।
1998 में उसने साथियों के साथ मिलकर गुरुनगर मॉडल टाउन जालंधर में हरविंदर सिंह भोला की हत्या कर दी थी। इस मामले में अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कैद के दौरान वह पैरोल पर आया था और बाद में युगांडा भाग गया था। अमरीक सिंह पाकिस्तान स्थित रणजीत सिंह नीटा और यूएस में रहने वाले परमजीत सिंह, बाबा गद्दरी और बलविंदर सिंह पोसी, हैप्पी के साथ निकटता में रहा है।
2012 में अमरीक सिंह को युगांडा पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया और वह चार साल तक युगांडा जेल में रहा। इस मामले में युगांडा स्थित भारतीय दूतावास ने उसे तीन बार भारतीय वीजा देने से इनकार कर दिया। जनवरी 2017 में वह नेपाल के रास्ते भारत पहुंचा। वह नेपाल के काठमांडू में 14 दिनों तक रहा और उसके बाद वह बस द्वारा नेपाल सीमा से दिल्ली पहुंचा और फिर अपने गांव चला गया। अब वह भारत में रह रहा था, जिसकी भनक काउंटर इंटेलीजेंस को लग गई थी।