बाराबंकी : स्थानीय जनपद में क्षयरोग विभाग द्वारा 23 से 28 मार्च तक टीबी दिवस मनाया गया। इसी क्रम में विश्व टीबी दिवस पर जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान छय रोग से पीड़ित और लक्षण के आधार पर चिन्हित रोगियों को बीमारी के प्रति जागरुक किया गया। यह जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एके सिंह ने बताया कि साल 2019 में करीब 5100 टीबी से पीड़ित मरीजों का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से अबतक करीब 3500 रोगियों को चिन्हित करके इलाज शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि जन जागरूकता अभियान के तहत विश्व टीबी दिवस पर जिलाधिकारी उदयभान त्रिपाठी द्वारा अपने कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया गया था। यह रैली स्थानीय बाजार से होते हुए डीटीसी पर आकर समाप्त हुई।
इस क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डा रमेश चन्द्र की अध्यक्षता में डीटीसी पर बैठक किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएमओ ने बताया कि टीबी की जांच के साथ इलाज नियमित लेना आवश्यकता है, यदि नियमित दवाओं का उपयोग नहीं किया जाता तो बीमारी जड़ से नहीं जाती। टीवी की जांच के साथ नियमित दवाओं का सेवन किया जाए। जिला क्षयरोग अधिकारी डॉक्टर सिंह ने बताया कि साल 2018 में सरकारी स्तर पर 5 हजार 2 मरीज का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से टीबी रोग खोजी अभियान चलाकर 4 837 रोगियों को चिन्हित किया गया था। वहीं 2019 के लिए शासन स्तर से 5102 टीवी मरीजों का लक्ष्य रखा गया जिसमें से अबतक करीब 3500 रोगियों को चिन्हित करके इलाज शुरू किया गया।
भारत से सबसे ज्यादा टीबी के मरीज : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज हैं। 2016 में अकेले भारत में टीबी से 4.2 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में लोगों को इसके लक्षणों को लेकर जागरूक करना चाहिए। इसके पश्चात सभी को टीबी के लक्षण एवं उसके निदान और जांच के साथ ही मरीजों को दी जाने वाली डीबीटी योजना और दवा के बारे में जानकारी दी गई।