कांग्रेस की ओर से भोपाल लोकसभा सीट का टिकट मिलने के बाद दिग्विजय सिंह यहां गुरुवार को मीडिया से मुखातिब हुए। दिग्विजय ने कहा कि मैं आभारी हूं राहुल गांधी और कमलनाथ जी का जिन्होंने मुझे भोपाल सीट से चुनाव लड़ने के लिए चुना है। यहां से शंकर दयाल शर्मा जैसे व्यक्ति ने चुनाव लड़ा और इस शहर को आगे बढ़ाया। मौजूदा भोपाल को बनाने में अगर किसी को श्रेय जाता है तो वह शंकर दयाल शर्मा जी हैं।
मैं पिछला चुनाव करीब 15 साल पहले लड़ा था। उन्होंने कहा कि मैंने राहुल जी से कहा था कि अगर आप मुझे लोकसभा में भेजना चाहते हैं तो मेरा क्षेत्र राघौगढ़ है। लेकिन अगर मुझे किसी दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहते हैं तो वो भी मुझे मंजूर हैं। मुझे कमलनाथ जी ने कहा है कि किसी कमजोर सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने खुद को भ्रष्टाचार से अलग रहा। जिसने भी मेरे ऊपर आरोप लगाए मैंने उन्हें अदालत में इसे साबित करने के लिए कहा। पटवा जी ने मुझ पर लगाए आरोप वापस ले लिए थे, उमा भारती आज भी मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के सबूत पेश नहीं कर पाईं। 15 साल तक भाजपा सरकार मेरे खिलाफ फाइलें ढूंढवाती रही कि कुछ पकड़ में आ जाए। कोई दिखा देख सिगरेट की पर्ची पर कौन सी नौकरी का आदेश जारी किया हो।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देते हुए कहा कि, मुझे बंटाधार कहते हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि खुले मंच पर आएं और अपने 15 साल और मेरे कार्यकाल को लेकर बहस करें उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि, प्रदेश में हुए कई बड़े घोटालों में खुद शिवराज सिंह और उनका परिवार शामिल है। चाहें बात डंपर या खनन घोटाले की की जाए। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव के हलफनामे में अपनी वैवाहिक स्थिति नहीं बताई थी। वहीं अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जानकारी भी छुपा रहे हें।