नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व अध्यक्ष वीके सारस्वत ने कहा है कि मनमोहन सिंह सरकार ने अंतरिक्ष में मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता का विकास और परीक्षण करने की अनुमति नहीं दी थी। ैज्ञानिकों को यदि 2012-13 में सरकार की ओर से हरी झंडी मिली होती तो पांच साल पहले ही वर्ष 2014-15 में शक्ति मिशन का परीक्षण हो सकता था।
सारस्वत ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि मनमोहन सिंह सरकार के सामने वैज्ञानिकों ने परीक्षण के लिए मिशन का ब्यौरा रखा था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सहित सभी संबंधित पक्षों को जानकारी दी गई थी। दुर्भाग्य से मनमोहन सरकार से हरी झंडी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. सतीश रेड्डी ने प्रधानमंत्री के सामने मिशन शक्ति का प्रस्ताव रखा। मोदी ने साहसिक फैसला करते हुए मिशन को हरी झंडी दिखाई। यदि 2012 में अनुमति मिली होती तो यह काम कई वर्ष पहले ही हो जाता।