चुनावी मौसम में प्रदेश को आज एक बार फिर आया राम, गया राम का दिन देखना पड़ सकता है। पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम व उनके बड़े पोते आश्रय शर्मा की करीब सवा साल बाद कांग्रेस में फिर वापसी हो सकती है। इतना ही नहीं मंडी संसदीय क्षेत्र से आश्रय शर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। आज दोपहर बाद कांग्रेस पार्टी इसकी घोषणा कर सकती है। बेटे व बाप के इस कदम से सबसे बड़ी दुविधा में अनिल शर्मा पड़ गए हैं। अनिल शर्मा, जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री है।
ताजा घटनाक्रम को लेकर अनिल शर्मा ने सोमवार सुबह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से परिधि गृह मंडी में भेंट की। उन्हें मौजूद राजनीतिक घटनाक्रम से अवगत करवाया। अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया बाप व बेटे के इस कदम से वह धर्मसंकट में पड़ गए हैं। अनिल शर्मा 2017 में विधानसभा चुनावों की घोषणा होने के बाद वीरभद्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए है। अनिल को भाजपा में शामिल करने में पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, पंडित सुखराम व आश्रय शर्मा की अहम भूमिका रही थी। सजायाफ्ता होने की वजह से भाजपा ने सुखराम को पार्टी की सदस्यता नहीं दी थी।
सिर्फ अनिल शर्मा ने ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। आश्रय शर्मा व पंडित सुखराम टिकट को लेकर कई माह से हायतौबा मचा रहे थे। दोनों ने कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा था। मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज चुनाव लडऩे के नाम से कन्नी काट रहे हैं। वीरभद्र व कौल की न के बाद पार्टी के पास कोई मजबूत विकल्प नहीं बचा था। कांग्रेस पार्टी ने पंडित सुखराम के समक्ष अनिल शर्मा की घर वापसी की शर्त रखी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि पंडित सुखराम परिवार की घर वापसी पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते अनिल शर्मा जयराम कैबिनेट से इस्तीफा दें। पार्टी आश्रय शर्मा को मंडी से टिकट देने को तैयार है। मेरे व वीरभद्र सिंह के पास चुनाव लडऩे के लिए इतना पैसा नहीं है।
अनिल शर्मा ने मौजूदा घटनाक्रम को लेकर परिधि गृह में भेंट की है। भाजपा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। कौन कहां आ रहा है या जा रहा है, इससे कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। प्रदेश की चारो सीटों पर भाजपा प्रचंड बहुमत से विजयी होगी। -जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश।