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यह पुरस्कार प्रदीप कुमार पांडा की पत्नी मीना ने प्राप्त किया। जम्मू और कश्मीर में दो अगस्त, 2018 को आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों के दौरान वीरता प्रदर्शित करने के लिए भारतीय सेना के सिपाही सोहर विजय कुमार को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) प्रदान किया। यह पुरस्कार विजय कुमार की पत्नी मेनिका देवी ने प्राप्त किया। राष्ट्रपति ने असम राइफल के राइफलमैन जयप्रकाश ओरॉन को (मरणोपरांत) शौर्य चक्र प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनकी पत्नी संगीता ओरॉन ने प्राप्त किया। 15 नवंबर, 2017 को मणिपुर में आतंकवादी हमले में अतुलनीय साहस प्रदर्शन करते हुए शहीद हुए थे। राष्ट्रीय राइफल के सिपाही अजय कुमार (मरणोपरांत) को 24 अप्रैल, 2018 को जम्मू-कश्मीर में एक अभियान के दौरान शहीद होने पर शौर्य चक्र प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनके माता-पिता कमला देवी और सुरेश कुमार ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के निवासी इरफान रमजान शेख को 2017 में उनके घर पर तीन आतंकवादियों के हमले के दौरान बहादुरी के लिए शौर्य चक्र पुरस्कार प्रदान किया। उस समय इरफान मात्र 14 साल के थे।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट को जम्मू-कश्मीर में उनके अधीन किए गए सफल आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए उत्तम युद्ध सेवा मेडल दिया गया। इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल गोपाल आर को भी उत्तम युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। जयप्रकाश ऑरोन (मरणोपरांत), सिपाही अजय कुमार (मरणोपरांत), सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट कुलदीप सिंह चाहार, जाट रेजीमेंट के मेजर पवन कुमार, इरफान रमजान शेख, राइफलमैन रठवा लिलेश भाई, नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट जिले सिंह, हवलदार जावेद अहमद भट्ट, हवलदार कुल बहादुर थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्जुन शर्मा, कैप्टन अभय शर्मा, मेजर इमलीकुम कीत्जर, मेजर रोहित लिंगवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रांत परासर। अति असाधरण कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) 13 लोगों को दिया गया। अति विशिष्ट सेवा मेडल 26 लोगों को दिया गया।