केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकरियों को सरकार जल्द ही संगठित सेवा के फायदों से नवाजने वाली है। इससे अधिकारियों को प्रोन्नति के बेहतर अवसर और अन्य फायदे मिलेंगे। ऐसे अधिकारियों को ज्यादा फायदा मिलेगा जिन्होंने अपना ज्यादातर सेवा काल नक्सल, आतंकवाद और आपदाग्रस्त इलाकों में गुजारा होगा।
मिली जानकारी के अनुसार सेवा शर्तो में बदलाव के लिए गृह मंत्रालय इन दिनों नियुक्ति एवं प्रशिक्षण विभाग के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के दो फैसलों का भी अध्ययन किया जा रहा है। संभावना है कि जल्द ही इस आशय की अधिसूचना जारी हो जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय को बताया गया है कि इस बारे में उच्च स्तरीय विचार-विमर्श अंतिम दौर में होने की जानकारी दी गई है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार केंद्रीय बलों- सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ और एसएसबी के जवानों के कल्याण के लिए सरकार ने हाल के दिनों में कई निर्णय लिए हैं। 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद कुछ और फैसलों की जरूरत महसूस की जा रही है। केंद्रीय बलों के अधिकारियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना इसी दिशा में एक और कदम है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में दिए आदेश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को संगठित सेवाओं में शामिल करने का आदेश दिया था। इससे पुलिस संगठनों को बेहतर सेवा शर्तो और बेहतर सुविधाएं मिलने का रास्ता खुल जाएगा।