बाराबंकी। प्रदेश में कुपोषण को दूर करने के लिए 8 मार्च से पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। कार्यक्रम में आज 8वें दिन 3052 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ममता दिवस मनाया गया। गर्भवती, धात्री माताओं को नके शिशुओं, हेतु पोषण एवं स्वास्थ सम्बन्धी जानकारी देकर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं की गोद फल और पौष्टिक आहार से भरी गई। इसके साथ ही सभी केन्द्रों पर पोषाहार का वितरण किया गया। उक्त जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार चौरसिया ने बताया कि जिले के 3052 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ममता दिवस कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। जिले के लगभग सभी आंगबाड़ी केन्द्रों पर जन सहयोग से ममता दिवस का आयोजन किया गया, केन्द्रों पर महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ संबंधी जानकारी देकर जागरूक किया गया।
उन्होंने बताया कि कई गर्भवती महिलाओं की गोद भरी गई। उन्हें बताया गया है कि प्रसव के बाद पीला गाढ़ा दूध नवजात को पिलाया जाए, प्रसव सिर्फ संस्थागत होना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयी सभी महिलाओं में पोषाहार वितरण किया गया।सीडीपीओ पुष्पा मिश्रा ने बताया कि जिन महिलाओं के बच्चें छह माह के हो गये है उन बच्चों को आज से मां के दूध के अतिरिक्त ऊपर की खुराक देने की शुरूआत की गई है, इस खुराक में केला, दाल का पानी, चावल का पानी, और बच्चे के शरीर को ताकत देने वाली खाने की चीजे शामिल है, धात्री माताओं को बच्चे के छह माह बाद अर्ध ठोस ऊपरी आहार देने के साथ- साथ मां का दूध भी जारी रखने की सलाह दी गई।
उन्होंने कहा जब तक बच्चा दूध पिए स्त्नपान जारी रखना चाहिए, इस दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। दूध पिलाने से पूर्व हाथ को अवश्य धोए और बच्चे को ऊपरी आहार देने से पहले भी बच्चें के हाथ धुलवाए। उन्होंने आगे बताया कि वहीं पोषण पखवाड़े के 7वें दिन जिले में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इसके तहत पोषाहार में पालक व मेथी मिलाकर मठरी, कचौरी, पोषाहार से लड्डू बर्फी व हलवा, लड्डू, बर्फी, साग मिक्स पकौड़ी, लपसी, पूड़ी, दही, बड़ा, चने व गुड से बने व्यंजन बनाकर प्रदर्शित किए गए। इसके साथ ही साथ हरी सब्जियों जैसे पालक, बथुआ, मेथी, सहजन, दूध व दूध से बने पदार्थ, फलों आदि के लाभ के बारे में गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं व छोटे बच्चों कि माताओं बताया कि इससे पोषाहार स्वादिष्ट हो जाता है और पौष्टिक भी । हरे साग के सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है और आयरन कि गोलियों को पानी के साथ लेने के बजाय नींबू पानी, आंवला व संतरे के साथ करना चाहिए ताकि आयरन का अवशोषण अधिक हो ।