क्या राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर आकर आगामी लोकसभा चुनाव की कमान संभालेंगे? पार्टी को इसकी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत अर्जी को लेकर बंधी है। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में झारखंड उच्च न्यायालय के 10 जनवरी के फैसले को चुनौती देने वाली लालू प्रसाद यादव की याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी। लालू प्रसाद यादव ने मेडिकल ग्राउंड पर अपनी जमानत मांगी है।
रांची हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के तीन मामलों में सजा पाकर रांची के होटवार जेल में सजा काट रहे हैं। इस बीच तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें रांची के ही रिम्स (अस्पताल) में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 10 जनवरी को मेडिकल ग्राउंड पर उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
लालू ने इस आधार पर मांगी है जमानत
इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने अपनी उम्र और बीमारी का आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिसपर गुरुवार को सुनवाई हुई। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि वे 71 साल के हो गए हैं। बीमार हैं। साथ ही राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में भी उनकी अहम भूमिका है।
मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को
लालू प्रसाद यादव ने इन बातों को आधार बना जमानत मांगी है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ से जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी।
को र्ट के आदेश पर निर्भर जमानत व चुनाव में भूमिका
विदित हो कि भ्रष्टाचार और गंभीर अपराधों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोक दिया है। ऐसे में सबों की नजरें लालू प्रसाद की इस जमानत याचिका पर कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। पार्टी नेताओं व समर्थकों को उम्मीद है कि लालू को जमानत मिल जाएगी और वे बाहर आकर चुनाव में अपनी भूमिका निभा पाएंगे। हालांकि, यह कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है।