दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर छिड़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी करने और अनुचित व्यापार व्यवहार का आरोप लगाते हुए उसके 50 अरब डॉलर के सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया। जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है।
अपने बयान में ट्रंप ने कहा कि यह शुल्क उन चीनी सामानों पर लगेगा जिनमें औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार बहुत लंबे समय से अनुचित था और इस स्थिति को और नहीं बर्दाश्त किया जा सकता था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चीन ने जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका और शुल्क लगाने से पीछे नहीं हटेगा।
अमेरिका ने जिन चीनी सामानों पर शुल्क लगाया है, उनमें चीन की “मेड इन चाइना 2025” रणनीतिक योजना में शामिल चीजें शामिल हैं। इस योजना के तहत बनी चीजें चीन की आर्थिक वृद्धि के लिए तो अच्छी हैं लेकिन अमेरिका और अन्य देशों को आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती हैं।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका चीन की इस तरह के अनुचित आर्थिक व्यवहार के जरिए अपनी तकनीक और बौद्धिक संपदा को खत्म नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि अनुचित तरीके से अमेरिकी तकनीक और बौद्धिक संपदा चीन के हाथों में जाने से रोकने के उपाय जरूरी हैं। इससे अमेरिका व चीन के बीच व्यापार असंतुलन भी ठीक होगा। अभी अमेरिका का चीन के साथ 370 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है।
चीन ने भी की जवाबी कार्रवाई
ट्रंप के एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि उसने भी अमेरिकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने बीजिंग में बयान जारी कर कहा कि हम तत्काल उतनी ही मात्रा और ताकत में टैक्स उपाय लागू करेंगे जितना अमेरिका ने किया है। अमेरिका अपना मन बार-बार बदल रहा है और अब उसने ट्रेड वॉर छेड़ दिया है। जबकि चीन ऐसा नहीं चाहता है।
मंत्रालय ने कहा कि चीन अपने राष्ट्रीय हितों, वैश्वीकरण और विश्व व्यापार प्रणाली की रक्षा में मजबूती से लड़ेगा। हालांकि मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि उसने किन अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया है। हालांकि पूर्व में वह कहता आया है कि वह कार, विमानों और सोयाबीन जैसे अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी कार्रवाई के तहत शुल्क लगा सकता है।
चीन ने अन्य देशों से भी कहा कि वह अमेरिकी कदम के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई करें। उसने कहा कि अमेरिका ने कालातीत और पीछे ले जाने वाला बर्ताव किया है।