लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के पीछे षड़यंत्रकारी ताकतें हैं। उनके इरादे नेक नहीं है। भाजपा जातिवाद के आधार पर नफरत पैदा करती है। विपक्षी नेताओं के प्रति उसका व्यवहार शत्रुतापूर्ण है। सत्ता का घोर दुरूपयोग करने के साथ उसने संवैधानिक संस्थाओं को भी कमजोर किया है। उसका आचरण अलोकतांत्रिक है। इसलिए देशहित में भाजपा को रोकना और सत्ता से हटाना राष्ट्रधर्म है। अखिलेश ने बुधवार को पार्टी के प्रमुख नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में कानून का राज नहीं है। मुद्दों से भटकाकर ऊल-जूलूल बातें करना उसकी आदत में शुमार हैं। सच्चाई को खत्म करने और बुराई को प्रश्रय देने में भाजपा को कतई अपराध बोध नहीं होता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने अपने अनेक वार रूम बनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल झूठ गढ़ने और भ्रमजाल के निर्माण के लिए किया जाना है। भयंकर जुमला मण्डली के ढाई लोगों ने अब व्यक्तिगत टिप्पणियां देनी भी शुरू कर दी हैं। सब जानते हैं कि राजनीति में व्यक्तिगत बातें वही करते हैं जो घबराये हुए होते हैं। लेकिन जुमलों से झूठ, लूट और भ्रष्ट कारतूतों पर पर्दा नहीं पड़ने वाला है। सपा मुखिया ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त नौजवानों को भी कोई नौकरी नहीं है। भ्रष्टाचार पर रोक नहीं। 100 से ज्यादा लोग नोटबंदी के दौरान मर गए। इतना ही नहीं बैंक के दरवाजे पर लगी लाइन में खजांची का जन्म भी हुआ था। किसान की आय दोगुनी नहीं हुई। सबका साथ की जगह भीड़तंत्र और लूट, खसोट का राज है। पिछले पांच साल के कार्यकाल में जनता को सिर्फ निराशा और हताशा ही हाथ लगी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का जो गठबंधन बना है, देशहित में उसकी सभी ने सराहना की है। इस गठबंधन का वैचारिक आधार है। इसके चुनाव एजेंडा में विकास पर बल होगा। भाजपा जानती है कि गठबंधन की बढ़ती ताकत से उसका सफाया होना तय है। किसान, नौजवान, व्यापारी, अधिवक्ता सहित समाज का हर वर्ग भाजपा के खोखले नारों और लुभावने वादों का सच जान गया है। भाजपा नामुमकिन को मुमकिन बनाने के फेर में अब अपना सब कुछ गंवाने जा रही है। इसीलिए अब लोगों ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प ले लिया है।