भारतीय इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। आज डांडी मार्च को 89 साल पूरे हो गए हैं। 12 मार्च, 1930 को इस मार्च की शुरुआत हुई थी। जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अहम पड़ाव माना जाता है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, “जब एक मुट्ठी नमक ने अंग्रेजी साम्राज्य को हिला दिया !”
उन्होंने लिखा है, “क्या आज जानते हैं कि डांडी मार्च की योजना में मुख्य भूमिका किसकी थी? महान सरदार पटेल की। उन्होंने अंत तक इसकी हर योजना बनाई। ब्रिटिश सरदार साहिब से काफी डरते थे जिसके कारण उन्होंने डांडी मार्च के शुरू होने से कुछ दिन पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इससे उन्हें उम्मीद थी कि गांधी जी डर जाएंगे। हांलाकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। उपनिवेशवाद से लड़ना सबसे हावी रहा।”
प्रधानमंत्री ने लिखा है, “बीते महीने मैं डांडी में था, बिलकुल उसी जगह जहां गांधी जी ने मुट्ठी में नमक उठाया था। वहां एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी बनाया गया है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप जाकर देखें। गांधी जी ने हमें सिखाया था कि सबसे गरीब की दुर्दशा के बारे में सोचो, जिसे हम देखें। और सोचो कि कैसे हमारा काम उसे प्रभावित करता है। मुझे ये कहने में गर्व हो रहा है कि हमारी सरकार के काम के सभी पहलुओं में ये मार्गदर्शक विचार रहा है कि वो कैसे गरीबी दूर करेगा और समृद्धि लाएगा। दुखद है कि गांधीवाद के विरुद्ध जो विचारधारा है वो कांग्रेस की संस्कृति है।”
उन्होंने लिखा है, “बापू ने 1947 में कहा था, भारत की गरिमा की रक्षा करना सभी अग्रणी पुरुषों का कर्तव्य है, चाहे उनका विचार और दल कोई भी हो। कुशासन और भ्रष्टाचार पनपने पर उस गरिमा को बचाया नहीं जा सकता। कुशासन और भ्रष्टाचार दोनों साथ-साथ चलते हैं। हमने भ्रष्टाचारियों को दंडित करने के लिए सबकुछ किया। लेकिन देश ने देखा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार पर्याय बन गए हैं। सेक्टर का नाम बताइए और कांग्रेस का घोटाला होगा। रक्षा, दूरसंचार, सिंचाई, खेल कार्यक्रमों से लेकर कृषि तक, ग्रामीण विकास और भी कई।”
ब्लॉग में आगे लिखा है कि बापू ने कहा था कि अतिरिक्त धन से दूर रहना चाहिए। हालांकि, कांग्रेस ने जो कुछ किया अपने बैंक खातों को भरने के लिए किया और गरीबों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की कीमत पर शानदार जीवन शैली का नेतृत्व किया।
महिला के समूह से बातचीत करते हुए बापू ने कहा था, “मुझे शिकायत मिल रही हैं भारत के कुछ प्रख्यात नेता अपने बेटों के माध्यम से धन कमा रहे हैं, भाई-भतीजावाज भ्रष्टाचार की तरह बढ़ रहा है और मुझे इसपर कुछ करना चाहिए। अगर ये सच है तो सभी कह सकते हैं कि हम अपने दुर्भाग्य की सीमा तक पहुंच गए हैं।” बापू ने वंशवादी राजनीति का विरोध किया था लेकिन कांग्रेस के लिए आज वंशवाद पहले है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसी दिन अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह के लिए डांडी यात्रा शुरू की थी। गांधी जी ने अग्रेजों द्वारा बनाए गए नमक कानून को तोड़कर उनकी सत्ता को चुनौती दी थी।