लोकसभा चुनाव से पहले गुर्जर आरक्षण का मामला एक बार फिर से सुखिर्यों में दिखाई दे रहा है. आंदोलन के बाद में गुर्जर समेत पांच जातियों को आरक्षण तो मिल चुका था, लेकिन अभी तक प्रक्रियाधीन भर्तियों में आरक्षण लागू नहीं किया गया है. दो भर्तियों को छोड़ दूसरी प्रक्रियाधीन भर्तियों में आरक्षण नहीं मिल पा रहा था. लेकिन गहलोत सरकार ने एक बार फिर से भर्तियों में आरक्षण का अटका पैच सुलझा दिया. अब सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में गुर्जर समेत पांचों जातियों को ओबीसी में 5 फीसदी एमबीसी आरक्षण का फायदा मिलेगा.
कई विभागों के आपसी सामजस्य के कारण भर्तियों में आरक्षण लागू नहीं हो पाया था, जिसके बाद कार्मिक विभाग अपने आदेशो में ये साफ कर दिया कि सभी विभागों में प्रक्रियाधीन 32 भर्तियों में गुर्जर समेत पांचो जातियों को 5 फीसदी आरक्षण किसी भी हाल में मिलना ही चाहिए. इससे पहले गुर्जर समाज भर्तियों में आरक्षण नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे और लगातार अधिकारियों से मिलकर वार्ता कर रहे थे.
बता दें कि सरकार ने इस प्रक्रियाधीन भर्तियों को लेकर राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. सभी भर्तियों को सुलझाने का काम डीओपी के जोइंट सैकेट्री को सौपी है. यदि किसी भी विभाग में कानूनी या किसी और कारण से भर्ती अटकती है तो जोइंट सैकेट्री आपसी सामंजस्य से उसे सुलझाएगा.
आरक्षण के पूरे मसले को सुलझाने वाले आईएएस नीरज के पवन का कहना है कि ‘सरकार लगातार गुर्जर बंधुओं को की समस्याओं का सुलझाने का प्रयास कर रही है और सरकार ने ये फैसला लिया है कि प्रकियाधीन भर्तियों में सभी विभागों की भर्तियों में आरक्षण लागू करने के आदेश दिए है.लगातार सरकार और विभाग ये प्रयास कर रहे है कि गुर्जर समाज को 5 फीसदी आरक्षण का लाभ मिले.’
अटकी भर्तियों के बाद गुर्जर नेता एक बार फिर से उखडने लगे थे, जिसके बाद उन्होंने सरकार और समाज के बीच मध्यस्ता करते हुए नीरज के पवन से नाराजगी जताई थी, लेकिन एक बार फिर से नीरज के पवन ने पूरे मामले को बडे ही गंभीरता के साथ सुलझा दिया.