देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) भारत के सभी नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (नेशनल पेंशन सिस्टम) की पेशकश करता है। एनपीएस एक परिभाषित योगदान पेंशन प्रणाली है जिसकी पेशकश भारत सरकार की ओर से पेंशन क्षेत्र सुधारों के एक हिस्से के रूप में की गई है।
नेशनल पेंशन सिस्टम का नियमन पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से किया जाता है। यह जानकारी एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर उपलब्ध है। एनपीएस अकाउंट को 18 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक की आयु के लोग खुलवा सकते हैं। इस पर मिलने वाला रिटर्न बाजार आधारित होता है।
एसबीआई के एनपीएस के बारे में आपको ये अहम बातें पता होनी चाहिए:
- खाते का प्रकार: एनपीएस में आमतौर पर दो तरह के खाते खोले जाते हैं, एक टियर-1 और दूसरा टियर-2। टियर-1 अकाउंट पूरी तरह से पेंशन अकाउंट होता है, जिसमें निकासी की अनुमति नहीं होती है, वहीं टियर-2 अकाउंट को निवेश अकाउंट के रुप में जाना जाता है जिसमें निकासी की अनुमति मिलती है। यह जानकारी एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज है।
- न्यूनतम योगदान: बैंक के मुताबिक सब्सक्राइबर्स को न्यूनतम योगदान के रुप में एक साल के भीतर टियर-1 खाते में कम से कम 1000 रुपये का निवेश करना होता है। जबकि टियर-2 खाते में न्यूनतम निवेश की अनिवार्यता लागू नहीं होती है।
- ब्याज दर: एनपीएस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) पर निर्भर करता है जिसका चयन खाताधारक करता है। खाताधारक को एक वित्त वर्ष के दौरान एक बार अपने पीएफएम को बदलने की अनुमति होती है।
- मैच्योरिटी की अवधि और निकासी: एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक एनपीएस खाते में 60 वर्ष तक की आयु के लिए लॉक हो जाता है। 60 वर्ष से पहले निकासी की अनुमति होती है लेकिन इस स्थिति में 80 फीसद कॉर्पस को एन्युटी में निवेश करना होता है, यह टैक्स फ्री निकासी होती है।
- टैक्स बेनिफिट्स: एनपीएस के टियर-1 खाते में टैक्स बेनिफिट्स की सुविधा मिलती है जबकि टियर-2 खाते में ऐसी कोई सुविधा नहीं दी जाती है।