दुनियाभर में खेले जाने वाली लोकप्रिय ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम PUBG(प्लेयर अननोन बैटल ग्राउंड्स) गेम काफी समय से सुर्खियों में है। भारत में इस गेम की वजह से कई युवकों की जान चली गई है। जम्मू और कश्मीर सरकार ने इस गेम पर रोक लगा दिया है। हाल में ही एक और मामला सामने आया है जिसमें PUBG की लत की वजह से एक युवक मरते-मरते बचा है। यह मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का है। यहां के 25 साल के एक युवक अपने यार्ड में इस गेम को खेलते-खेलते पानी की जगह एसिड पी गया। जिसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, गले की सर्जरी के बाद युवक की जान बच सकी।
युवक का इलाज कर रहे डॉक्टर मनन गोगिया के मुताबिक, युवक को PUBG की लत इस कदर थी कि वह इलाज के दौरान अस्पताल में एडमिट होने के बावजूद गेम खेलता था। जिसके बाद युवक की हालत और खराब होती गई। डॉक्टर की सलाह पर उसे नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। नागपुर में भी युवक की हालत नहीं सुधरने पर इसे हमारे पास लाया गया। कुछ ही दिनों में युवक का वजन 5 से 6 किलो तक घट गया।
कई मामले आए सामने
यह कोई पहला मामला नहीं था, PUBG की लत की वजह से कई तरह की घटनाएं सामने आ रही है। इस गेम की वजह से मुंबई के एक 18 साल के युवक ने आत्महत्या कर ली थी। युवक के माता-पिता ने इस गेम को खेलने के लिए महंगे स्मार्टफोन खरीदने से मना कर दिया था। इसके अलावा कई और ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिसमें कई लोगों की जानें चली गई है। कुछ स्कूलों में इस गेम को बैन भी कर दिया गया है।
डेवलपर्स ले रहे हैं फीडबैक
इस तरह की घटना के बाद इस गेम के डेवलपर्स की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी करके बताया गया कि वो इस तरह की घटना का फीडबैक बच्चों के माता-पिता के अलावा एक्सपर्ट्स से भी ले रहे हैं। इसके बाद गेम डेवलपर्स ने एक डिजिटल लॉक फीचर भी रोल आउट किया है जो इस गेम के एडिक्शन को रोक सके। इस नए फीचर की मदद से 13 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता ही इस गेम को अनलॉक कर सकेंगे।