माकपा ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चे के कब्जे वाली छह सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव में ‘एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव न लड़ने’ की बात सोमवार (04 मार्च) को कही. माकपा के इस प्रस्ताव से यह संकेत मिलता है कि वह भाजपा विरोधी वोटों को मजबूत करने के लिए राज्य में दो राजनीतिक खेमों में एक समझ कायम करना चाहती है.
हालांकि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि वह इन चुनावों में अकेले ही ताल ठोकने को तैयार है, अगर वाम मोर्चा रायगंज और मुर्शिदाबाद संसदीय सीट उनके लिए नहीं छोड़ता है. गौरतलब है कि ये दोनों सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती हैं.
हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले में माकपा ने रायगंज और मुर्शिदाबाद सीटें जीत ली थीं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में केंद्रीय समिति ने निर्णय लिया था कि भाजपा विरोधी, तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोट बंटने न देने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उचित तरीके अपनाएगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अनुसार माकपा ने लोकसभा की मौजूदा छह सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव न लड़ने का प्रस्ताव दिया है. इन सीटों पर कांग्रेस और वाम मोर्चे का कब्जा है.’’ उन्होंने कहा कि बाकी सीटों के लिए बंगाल में वाम मोर्चा आठ मार्च को फैसला लेगा. माकपा के इस फैसले पर हालांकि कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है पर एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पार्टी रायगंज और मुर्शिदाबाद सीटों पर समझौता नहीं करेगी.