नई दिल्ली : पश्चिमी जिले के पंजाबी बाग स्थित महाराजा अग्रसेन अस्पताल में आईसीयू इंचार्ज डॉक्टर आस्था की मौत अब भी पहेली बनी हुई है। डॉ आस्था के केबिन से पुलिस को 10-10 एमएल के तीन इंजेक्शन मिले थे। माना जा रहा है कि इंजेक्शन लगने की वजह से उनकी मौत हुई। वहीं जानकारों का कहना है कि इस इंजेक्शन की पांच एमएल की डोज से कोई भी 10 से 15 सेकेंड में बेहोश हो सकता है। परिवार का आरोप है कि आस्था यह इंजेक्शन खुद नहीं ले सकती, किसी बाहरी व्यक्ति ने उसे इंजेक्शन देकर मारा है। इधर पुलिस ने दिल्ली सरकार से मामले में मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग की है। पुलिस अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि मंगलवार को आस्था के शव का पोस्टमार्टम करा दिया जाएगा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सोमवार को पुलिस की एक टीम ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल जाकर वहां की सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की। फुटेज में 12.18 बजे आस्था अपने केबिन में जाते हुए दिख रही है।
केबिन में जाते ही उसके कमरे में लाइट भी बंद हो गई। आस्था का शव उसके केबिन के बैड पर मिला था। उसकी आंख, नाक और कान से खून निकल रहा था। इससे साफ था कि आस्था को दवाई की इतनी डोज दी गई, जिससे उसे ब्लीडिंग भी हो गई। फिलहाल अस्पताल के कमरे में सील किया हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आस्था के केबिन से तीन इंजेक्शन के अलावा दो सिरिंज भी बरामद हुई है। मंगलवार को छानबीन के लिए एफएसएल की टीम आस्था के केबिन से सक्ष्य जुटाने के लिए जाएगी। फिलहाल आस्था का शव संजय गांधी अस्पताल में सुरक्षित रखवाया गया है। मंगलवार को डीडीयू अस्पताल में मेडिकल बोर्ड उसके शव का पोस्टमार्टम करेगा। पोस्टमार्टम में मौत के कारण, मौत का समय का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।