लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि भारतीय राजनीति में अलग अलग विचारों से आने वाले लोग भी भले ही श्री मुलायम सिंह यादव जी का सम्मान करते हों पर कोई और नहीं बल्कि खुद उनके बेटे अखिलेश यादव ही हर दिन उनका माखौल उड़ाने में जुटे हुए हैं। एक टीवी इंटरव्यू में अखिलेश जी ने मुलायम सिंह जी के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वह दिखाती है कि वो अहंकार से भरे हुए हैं और अपने पिता को भी सार्वजनिक रूप से अपमानित करने में भी उन्हें कोई हिचक नहीं है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि श्री मुलायम सिंह यादव जी ने देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तारीफ करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री जी सबको साथ लेकर चले और दलगत भावनाओं से ऊपर हर दलों के सांसदों के जनहित के सारे काम किए। इतना ही नहीं श्री मुलायम सिंह जी ने सार्वजनिक तौर पर यह कामना भी की कि श्री नरेंद्र मोदी जी दुबारा देश के प्रधानमंत्री बनें। ऐसा करके श्री मुलायम सिंह यादव जी ने बड़ा दिल दिखाया था और समाजवादी पार्टी के अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी दिया था कि देश की बढती हुई ताकत के लिए श्री नरेंद्र मोदी जी को ही दुबारा प्रधानमंत्री बनाया जाना जरूरी है। लेकिन उनके पुत्र श्री अखिलेश यादव जी ने मुलायम सिंह जी के इस बयान का जिस तरह माखौल उड़ाया है वह हैरान करने वाला है और राजनीतिक मर्यादाओं को धत्ता बताने वाला है। देश और प्रदेश की जनता श्रीमान अखिलेश जी के इस अहंकार का जवाब आने वाले चुनाव में देगी।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह सभी को पता है कि किस तरह अखिलेश जी ने समाजवादी पार्टी हथियाने के लिए अपने ही पिता से कानूनी जंग की। इतना ही नहीं कई मौकों पर मुलायम सिंह जी को अपमानित भी किया गया। इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं, खुद मुलायम सिंह जी और उनके चाचा शिवपाल यादव जी ने भी कई बार सार्वजनिक तौर पर किया। अहंकार से चूर अखिलेश जी यह भूल गए दुनिया आज श्री नरेंद्र मोदी जी का लोहा मान रही है। उनकी पहचान दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री के तौर पर होने लगी है। ऐसे में देश के एक बहुत बड़े वर्ग ने मुलायम सिंह जी के उस बयान को सराहा था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री जी की तारीफ की थी। पर अखिलेश जी ने मुलायम सिंह जी के बयान का मजाक उड़ाकर साबित कर दिया है कि उनके मन में खुद अपने पिता को लेकर कितना सम्मान है।