ऋषिकेश के निकट नीरगाड़, रुद्रप्रयाग के पास जावड़ी तथा नैनीताल के पास पाडली में जापानी तकनीक से भूस्खलन रोका जाएगा। मसूरी और कालसी में भी संभावित भूस्खलन वाले क्षेत्रों में यही तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को जापानी इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जीका) से बैठक में इस पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने बताया कि आपदा से प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट में जापानी तकनीक बेहतर साबित होगी। मुख्य परियोजना निदेशक जीका अनूप मलिक ने बताया कि इस तकनीक से नीरगाड़, जावड़ी और पाडली में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट की योजना है। कालसी में जोकला, मसूरी में कम्पनी गार्डन, उत्तरकाशी में मल्ला गांव, पिथौरागढ़ में ऊंचाकोट, अल्मोड़ा के ताड़ीखेत में भी जापानी तकनीक के जरिये भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का ट्रीटमेंट होगा।