प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष और महासचिव की तैनाती मुख्यालय से बाहर होने पर संघ को भंग करने की मांग उठनी शुरू हो गई है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी ने इसका विरोध किया है। संघ उपाध्यक्ष मुख्यालय डॉ. आनंद शुक्ला और संयुक्त सचिव डॉ. तूहिन कुमार ने चुनाव अधिकारी को पत्र लिख कर मौजूदा संघ को भंग कर कोर कमेटी बनाने और चुनाव कराने की मांग उठाई। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी को सरकार ने एक दिन पहले ही उत्तरकाशी का मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनाया है। जबकि महासचिव डॉ. दिनेश चौहान को कुछ महीने पहले चमोली का डिप्टी सीएमओ बनाया गया था। आरोप लगाया जा रहा कि दोनों पदाधिकारियों को मुख्यालय से बाहर तैनात करने से डॉक्टरों की मांगों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हालांकि डॉ. डीपी जोशी ने संघ को भंग करने की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि संघ अध्यक्ष होने के नाते डॉक्टरों के प्रति उनकी पूरी जिम्मेदारी है। लेकिन डॉक्टर होने के नाते पहाड़ के मरीजों की सेवा करना भी दायित्व है। वो जिम्मेदारियों को निभाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएमओ बनने से संघ के कामकाज में कोई भी अड़चन नहीं आएगी। जरूरी हुआ तो जल्द ही बैठक बुलाकर दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
संघ उपाध्यक्ष मुख्यालय और संयुक्त सचिव की ओर से कार्यकारिणी को भंग करने से जुड़ा पत्र मिल गया है। लेकिन कार्यकारिणी को भंग करने का अधिकार चुनाव अधिकारी के पास नहीं है। कार्यकारिणी के पदाधिकारी ही दो तिहाई बहुमत से ऐसा निर्णय ले सकते हैं। अध्यक्ष, मुख्यालय उपाध्यक्ष को भी अपनी पावर डेलीगेट कर सकते हैं।